उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि देहरादून में एक पत्रकार के घर में घुसकर कुछ लोगों ने मारपीट की, जिस कारण उनकी मौत हो गई है। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
शहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने कहा कि यह घटना सोमवार रात राजपुर में घटी, जब कुछ लोग पंकज मिश्रा के घर में घुस गए। पंकज मिश्रा देहरादून में स्वतंत्र पत्रकार थे।
मुख्य आरोपी भी है पत्रकार
एसएसपी ने कहा कि इस घटना का मुख्य आरोपी भी डिजिटल मीडिया का पत्रकार है। उसे और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करना अभी बाकी है।
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि आरोपी और मृतक पहले से एक दूसरे को जानते थे। किसी बात को लेकर उनके बीच विवाद हुआ था, जो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद और बढ़ गया। पोस्टमार्टम के बाद भी मौत का कारण अज्ञात है, इसलिए परिवार ने दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का अनुरोध किया है। हम रिपोर्ट की जांच करेंगे और बयान लेंगे, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को घर में घुसे आरोपी
मृतक पत्रकार के भाई अरविंद ने राजपुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक, सोमवार को 10 बजे के आसपास मुख्य आरोपी अपने कुछ साथियों के साथ मृतक के घर आया और गाली देना शुरू कर दिया और मृतक को मार डालने के इरादे से मारपीट की।
आरोपी ने कहा- पेट और सीने पर मारो
शिकायत में बताया गया कि मुख्य आरोपी ने मृतक पत्रकार के सीने और पेट पर लात और मुक्के से मारे, जिस कारण उनके भाई के मुंह से खून आने लगे। आरोपियों में से एक युवक ने कहा कि वह (मृतक) हार्ट और लीवर का मरीज है, इसके पेट और सीने पर मारो। आरोपियों ने कहा कि इतना काफी है इसे खत्म करने के लिए।
आरोपियों ने पत्रकार पंकज मिश्रा और उनकी पत्नी का फोन भी छीन लिया। किसी तरह पंकज ने घटना की जानकारी पुलिस को दी और जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उन्हें मेडिकल टेस्ट और शिकायत दर्ज कराने को कहा।
हालांकि चोट और डर के कारण पत्रकार पंकज ने उनसे कहा कि वह सुबह शिकायत दर्ज कराएंगे।
मंगलवार को हालत हुई खराब
शिकायत के मुताबिक, मंगलवार को करीब 3 बजे उनकी स्थिति बिगड़ गई। पत्नी ने उन्हें जगाया और जैसे वह अपने पैरो पर खड़े हुए वह मुंह के बल जमीन पर गिर गए। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में दून अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
इस मामले को लेकर मंगलवार का रात बीएनएस की धारा 103 (हत्या),304(लूट),303 (चोट पहुंचाने, हमला करने या गलत तरीके से रोकने की तैयारी के बाद घर में घुसपैठ) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत दर्ज की गई थी।
