माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद के पुत्र और उसके साथियों द्वारा लखनऊ के एक रियल इस्टेट कारोबारी का कथित तौर पर अपहरण कर देवरिया जेल ले जाकर पिटाई किये जाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) से रिपोर्ट तलब की है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार ने रविवार की रात जारी एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने लखनऊ के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को कथित रूप से अगवा करके उसे देवरिया जेल ले जाने, वहां बंद माफिया अतीक अहमद, उसके बेटे उमर तथा गुर्गों द्वारा बुरी तरह पीटे जाने और स्टाम्प पेपर पर जबरन दस्तखत कराये जाने के मामले में सरकार ने अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) से रिपोर्ट मांगी है, ताकि देवरिया जेल प्रशासन पर जवाबदेही तय की जा सके। उन्होंने बताया कि इस मामले में कृष्णानगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। चार नामजद अभियुक्तों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कारोबारी मोहित जायसवाल द्वारा दर्ज करायी गयी रिपोर्ट के मुताबिक, गत 26 दिसम्बर को उसका अपहरण कर देवरिया जेल में लाया गया था। यहां अतीक की बैरक में उसके बेटे उमर तथा गुर्गों ने उसे बुरी तरह पीटा और करीब 45 करोड़ रुपए की संपत्ति हथियाने के लिए जबरन स्टांप पेपर पर दस्तखत करा लिए थे। मामला सामने आते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। रविवार की रात साढ़े आठ बजे जिलाधिकारी अमित किशोर तथा पुलिस अधीक्षक एन कोलांची के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अधिकारियों तथा 500 सुरक्षार्किमयों ने जेल में तलाशी अभियान चलाया। जेल में पीएसी तैनात की गयी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान जेल के सीसीटीवी फुटेज मिटाये जाने की बात सामने आई थी। उसके बाद जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) राकेश पटेल के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति गठित की गयी थी। जांच टीम को आज शाम तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। किशोर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। जेल में हुई घटना के साथ ही छापेमारी समेत अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा। इस बीच, अतीक की पत्नी और उसकी बहन शहला उससे मिलने देवरिया जेल पहुंचीं थीं।