केरल पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में एक नक्सली नेता के मारे जाने के पचास साल बाद सरकार ने उसके परिवार के लोगों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है। माकपा नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार ने बुधवार को इस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में मारे गए वर्गीज के चार भाई-बहनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया।
वायनाड क्षेत्र में आदिवासियों के शोषण के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व करने वाले वर्गीज को 18 फरवरी, 1970 को एक फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया था। यह देश की पहली नकली मुठभेड़ों में से एक थी। पिछले महीने, उनके दो भाई और दो बहन ने केरल उच्च न्यायालय का रुख किया और अदालत से मुआवजे की मांग की। अपनी याचिका में उन्होने कहा “वर्गीज की हत्या के कारण उन्हें कानूनी रूप से ब्याज के साथ 50 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर मिलनी चाहिए।”