बंबई उच्च न्यायालय ने साल 2008 में ब्रिटिश किशोरी स्कार्लेट इडेन कीलिंग की हत्या मामले में समुद्र तट पर बनी झोपड़ी में काम करने वाले (शैक वर्कर) सैमसन डिसूजा को शुक्रवार को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति आर डी धानुका और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने 17 जुलाई को सैमसन डिसूजा को दोषी ठहराया था। डिसूजा और प्लैसिडो कार्वाल्हो पर उसे नशा देने और यौन शोषण करने के बाद उसे मरने के लिए छोड़ने का आरोप था। पीठ ने गोवा बाल न्यायालय के फैसले को पलट दिया था जिसने डिसूजा को बरी कर दिया था, लेकिन दूसरे आरोपी प्लैसिडो कार्वाल्हो की रिहाई को बरकरार रखा था।

अपनी मां और भाई-बहनों के साथ गोवा में छुट्टियां मनाने आयी स्कार्लेट (15), 18 फरवरी, 2008 को लोकप्रिय अंजुना बीच पर मृत पाई गई थी। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। शव परीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, मौत का कारण डूबना बताया गया था। प्रारंभिक जांच गोवा पुलिस द्वारा की गई थी। हालांकि, स्कारलेट की मां फियोना मैकेन ने जांच सही ढंग से नहीं किये जाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था। गोवा पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य के आधार पर समुद्र तट-किनारे बनी झोंपड़ी में काम करने वाले डिसूजा और एक संदिग्ध ड्रग डीलर कार्वाल्हो को पहली बार गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दोनों को नामजद किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने लड़की को ड्रग दी और उसका यौन शोषण किया।
मामले की सुनवायी कर रही निचली अदालत की न्यायाधीश वंदना तेंदुलकर ने 2016 में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया था, जिस फैसले को सीबीआई ने चुनौती दी थी। फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की गई थी। उच्च न्यायालय ने बुधवार को डिसूजा को दोषी ठहराया। उसे आईपीसी की धारा 328, 354, 304 और 201 तथा गोवा बाल कानून की धारा 8(2) के तहत दोषी पाया गया।

उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने शुक्रवार को डिसूजा को 10 साल की जेल की सजा सुनाई। डिसूजा शुक्रवार को अदालत कक्ष में उपस्थित था। उसके वकील ने 12 सप्ताह के लिए सजा पर रोक लगाने की मांग की ताकि वह उच्चतम न्यायालय में अपील दायर कर सकें। पीठ ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया। डिसूजा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और उसे उत्तरी गोवा जिले के कोलवाले जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।स्कार्लेट की मां की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विक्रम वर्मा ने कहा कि आखिरकार न्याय मिल गया।
भाषा कृष्ण नरेश