काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के नजदीक एक क्षेत्र को खाली करने से पहले मुआवजे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई हिंसा और उसके बाद पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और एक पुलिसकर्मी सहित 19 लोग घायल हो गए।असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने बताया कि पुलिस को नगांव जिले के कालियाबोर उपखंड के तहत बंदेरदुबी में तब गोलीबारी करनी पड़ी, जब प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और सुरक्षा बलों पर पथराव किया। वे मांग कर रहे थे कि क्षेत्र खाली कराए जाने से पहले उन्हें मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेशों के अनुरूप क्षेत्र खाली कराया गया और भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया जाना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने पूर्ण संयम बरता और न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि स्थिति हिंसक हो गई और पुलिस को लाठीचार्ज करने, आंसू गैस के गोले छोड़ने और गोलीबारी करने को विवश होना पड़ा जिससे एक महिला सहित दो लोगों की मौत हो गई और पथराव की वजह से 15 पुलिसकर्मियों सहित 19 लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा- इस बात की संभावना हो सकती है कि भीड़ को लोगों के एक तबके ने भड़काया हो। हम मामले की जांच कर रहे हैं। लोगों को भड़काने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कैबिनेट की आपात बैठक की और मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए और हर घायल को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने के निर्देश दिए। नगांव जिला प्रशासन ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के पिछले साल दिए गए आदेश को देखते हुए काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास जिले के कालियाबोर उपखंड के तहत बंदेरदुबी और देओचरचांग क्षेत्र को खाली कराने का फैसला किया था।
दोनों क्षेत्रों में रविवार से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी लेकिन सोमवार सुबह जैसे ही खाली कराने का काम शुरू किया गया, प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया जिसकी वजह से हालात तनावपूर्ण हो गए। बंदेरदुबी में मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से दूर हटने के लिए कहा। लेकिन सुरक्षा बलों के साथ उनका व्यवहार हिंसक हो गया। उसके बाद सुरक्षा बलों को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा। क्षेत्र में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। लेकिन खाली कराने का काम जारी है। देओचरचांग क्षेत्र में किसी भी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। कई परिवार अपने सामान के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 37 चले गए हैं। कृषक मुक्ति संग्राम परिषद के नेता अखिल गोगोई ने मांग की है कि खाली कराने से पहले परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।

