बरेली शहर के स्टेडियम रोड स्थित साई अस्पताल के आईसीयू में सोमवार की सुबह आग लगने से दो महिला मरीजों की मौत हो गई। पुलिस ने इस संबंध में अस्पताल के मालिक व प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। अस्पताल में आग लगने की घटना में दो महिलाओं की मौत के बाद प्रभारी जिला मजिस्ट्रेट ओपी वर्मा ने मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई है। साईं अस्पताल के आईसीयू वार्ड में सुबह के समय अचानक आग भड़क गई जिससे अस्पताल में सभी जगह धुआं भर गया। घटना के समय वार्ड में कोई अस्पताल का स्टाफ मौजूद नहीं था। तीमारदारों और मरीजों की चीख-पुकार के बावजूद उनकी मदद के लिए स्टाफ के लोग नहीं आए।
तीमारदारों का आरोप है कि आईसीयू के बगल के कमरे में अस्पताल का स्टाफ सो रहा था। आग लगने के बाद अस्पताल के कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए बाहर भाग गए। कुछ तीमारदारों ने साहस दिखाते हुए आईसीयू में भर्ती चार मरीजों को बाहर निकाला। इनमें से बदायूं की राजबाला और मंगलादेवी की मौत हो चुकी थी। तीमारदारों ने अन्य दो मरीजों को दूसरें अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती करा दिया है। घटना से गुस्साए तीमारदारों और क्षेत्र के लोगों ने अस्पताल पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया। सूचना पर पहुचे अग्निशमन दल को आग बुझाने में आधा घंटा मशक्कत करनी पड़ी।
घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार, नगर पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण, सिटी मैजिस्ट्रेट यूपी सिंह और दूसरे कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अस्पताल के आईसीयू वार्ड को सील कर फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। अधिकारियों के सामने अस्पताल प्रबंधन पर गुस्सा जताते हुए तीमारदारों ने आरोप लगाए कि अस्पताल में आग बुझाने के कोई इंतजाम नहीं थे। मरीजों की मदद करने के बजाय स्टाफ के लोग अपनी जान बचाकर भागने लगे। अधिकारियों ने गुस्साई भीड़ को किसी तरह शांत कराया। सिटी मैजिस्ट्रेट यूपी सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया तो आग आईसीयू वार्ड में लगे हीटर से लगी है। लेकिन आग भड़कनें की वजह का पता तो जांच के बाद लगेगा। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने घटना की जांच अपरजिलाधिकारी (वित्त व राजस्व) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपी है। इसके अलावा पुलिस ने भी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है। अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ की लापरवाही और नियमों की अनदेखी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसपी सिटी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि महिलाओं के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट ओपी वर्मा ने इस हादसे की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए हैं और अपर जिला मजिस्ट्रेट व मुख्य चिकित्साधिकारी को इसका जांच अधिकारी बनाया है। साथ ही दोनों अधिकारियों को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तीन दिनों में और विस्तृत रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल के मालिक व प्रबंधन के खिलाफ थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आइसीयू में आग लगने की घटना के बाद 27 मरीजों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है। मरीजों के परिजन ने कहा कि अगर अस्पताल प्रशासन सजग होता तो यह हादसा नहीं होता। साई अस्पताल के मालिक शरद अग्रवाल ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि घटना के समय आईसीयू में तीन मरीज भर्ती थे। अस्पताल के कर्मचारी ने उन्हें वहां से हटाकर कहीं और स्थानांतरित करने की कोशिश की, लेकिन गुस्साए परिजन ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी जिससे कर्मचारी वहां से भाग गया और दो मरीजों की मौत हो गई।
