देश की राजधानी दिल्ली के संतनगर इलाके में सोमवार को हुए शूटआउट में मारे गए मुकुल की उम्र महज 16 साल थी। मुकुल को ताबड़तोड़ 18 गोलियां मारी गई थीं। मुकुल के परिवार वालों का कहना है कि पिछले 6 महीनों से उसकी जान को खतरा था। किसी भी तरह की अनहोनी की संभावना को देखते हुए परिवार वालों ने मुकुल को दिल्ली से बाहर भेज रखा था और जितेंद्र गोगी गैंग से खतरे के चलते प्रशासन से सुरक्षा की भी मांग की थी। दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के तौर पर तैनात मुकुल के चाचा पवन ने कहा, ‘सोनीपत में स्पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए निकलने से कुछ घंटे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई।’ मुकुल की मां की 2005 में बीमारी के चलते मौत हो गई थी, जबकि उसके पिता की 2016 में सांप काटने के चलते मौत हो गई थी। उसके बाद से पवन ही मुकुल और उसकी 20 साल की बहन की देखभाल करते थे। पवन ने कहा, ‘मैं सुरक्षाकर्मी के साथ घूमा हूं। मैं एक पुलिसकर्मी हूं, लेकिन उनके मन में किसी चीज का डर नहीं रहता। वह घूमते रहते हैं और जिसे चाहते हैं मार देते हैं। मुकुल महज 16 साल का था। उन्होंने उनका क्या बिगाड़ा था, जो उन लोगों ने उसे 18 गोलियां मारकर छलनी कर दिया। वह एक उभरता हुआ पहलवान था और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर सकता था।’

उन्होंने कहा कि गोगी ने उसके भाई की भी 2015 में हत्या कर दी थी। वे कॉलेज के दौर से ही प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन गोगी 2015 में हत्या करने के बाद भी नहीं रुका। हालांकि गैंगस्टर हेमराज के परिवार के लोगों का कहना है कि उसने 7 साल पहले एक अपराध किया था, जिसके बाद से उसे परिवार से बेदखल कर दिया गया था।

हेमराज के बड़े भाई राज ने कहा, ‘मेरे पिता सुन और बोल नहीं सकते हैं। उन्होंने इस भरोसे के साथ हेमराज को संपत्ति से बेदखल कर दिया था कि शायद वह सही रास्ते पर आ जाए। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका और मेरे पैरेंट्स डिप्रेशन में चले गए।’ गैंगवॉर में बुरी तरह घायल हुए हिमांशु ने ही मुकुल के परिवार के लोगों को घटना की जानकारी दी थी। उसे भी तीन गोलियां मारी गई थीं और फिलहाल वह अस्पताल में ऐडमिट है।