Snacks Allowance Increasen In Gujarat: गुजरात सरकार ने स्नैक्स अलाउंस में 150 फीसदी का इजाफा करने का फैसला किया है, अब सरकारी अधिकारियों से मिलने जो भी मेहमान आएंगे, उन्हें आराम से नाश्ता करवाया जा सकेगा, उनके नाश्ते पर पहले के मुकाबले ज्यादा रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिकारियों की माने तो यह इजाफा कई सालों बाद हुआ है क्योंकि अभी तक इस भत्ते की गणना 1998 की महंगाई के आधार पर चल रही थी, ऐसे में पैसा काफी कम रहता था।

किस-किसका बढ़ा स्नैक्स अलाउंस?

Mumbai Contingency Expenditure Rules के तहत गुजरात सरकार के वित्त विभाग ने यह आदेश जारी किया है। अब विभागाध्यक्षों के सरकारी सचिव, प्रशासनिक विभाग के अपर सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, गैर-सचिव स्तर के विभागाध्यक्ष जैसे तमाम अधिकारियों को अब अतिरिक्त पैसा मिलेगा, वो इसे ऑफिस आने वाले मेहमानों पर खर्च कर सकेंगे।

चीन ने क्यों बदले अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों के नाम?

पहले क्या रेट था, अब क्या रहेगा?

जो सरकारी सचिव हैं, उनका साल का स्नैक्स अलाउंस बढ़ाकर 10 हजार से 25 हजार रुपये कर दिया गया है। वहीं जो प्रशासनिक विभाग के अपर सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, गैर-सचिव स्तर के विभागाध्यक्ष होते हैं, उनका भत्ता भी बढ़ाकर 5 हजार रुपये से 12500 रुपये कर दिया गया है। वैसे जिनकी रैंल डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर की नहीं होगी, लेकिन किसी विभाग के प्रमुख होंगे तो उनके स्नैक्स अलाउंस को भी अब 3000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये कर दिया गया है।

अधिकारी क्या फैसले से खुश हैं?

वैसे सरकार ने यह जो आदेश जारी किया है, इसमें स्पष्ट कहा गया है कि अधिकारी तय बजट से ज्यादा खर्च नहीं करेंगे। अलग से परमीशन लेकर कभी-कभी जरूरत पड़ने पर 10 फीसदी तक अतिरिक्त खर्च किया जा सकता है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक अधिकारी ने आदेश के बारे में विस्तार से बताया है। वे कहते हैं कि स्नैन्स के लिए जो बजट अभी दिया जाता था, वो 1998 के हिसाब से था, वो ना सिर्फ पुराना बल्कि काफी कम भी रहा। 20 सालों में पहली बार इजाफा हुआ है। हम तो मानते हैं कि ऐसे खर्चों के लिए समीक्षा समय-समय पर होती रहनी चाहिए।

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को लगाई फटकार