राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को हो गया। राज्यपाल कल्याण सिंह ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 22 विधायक कांग्रेस से हैं, जबकि एक राष्ट्रीय लोक दल से है। राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट 17 दिसंबर को ही शपथ ले चुके हैं। गहलोत के मंत्रिमंडल में 17 ऐसे विधायक हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं।

ये बने कैबिनेट मंत्री

1. बी डी कल्ला
2. शांति धारीवाल
3. डॉक्टर रघु शर्मा
4. लालचंद कटारिया
5. प्रमोद जैन भाया
6. परसादी लाल मीणा
7. विश्वेन्द्र सिंह
8. हरीश चौधरी
9. रमेशचंद्र मीणा
10. मास्टर भंवरलाल मेघवाल
11. प्रताप सिंह खाचरियावास
12. उदयलाल आंजना
13. शाले मोहम्मद

इन्हें मिला राज्यमंत्री का पद

1. गोविंद सिंह डोटासरा
2. ममता भूपेश
3. अर्जुन सिंह बामणिया
4. भंवर सिंह भाटी
5. सुखराम विश्नोई
6. अशोक चांदना
7. टीकाराम जूली
8. भजनलाल जाटव
9. राजेन्द्र सिंह यादव
10. सुभाष गर्ग (राष्ट्रीय लोक दल)

ऐसा है राजस्थान का मंत्रिमंडल

– 34 साल के अशोक चांदना बने सबसे युवा मंत्री
– 75 साल के शांति धारीवाल हैं सबसे उम्रदराज मंत्री
– उदयलाल आंजना (107 करोड़ रुपए) और विश्वेंद्र सिंह (104 करोड़ रुपए) हैं सबसे अमीर मंत्री
– एक मंत्री 10वीं और सात 12वीं पास हैं।
– नौ मंत्री ग्रैजुएट, तीन पोस्ट ग्रैजुएट और तीन पीएचडी हैं।

…ऐसे हुआ मंत्रियों का चयन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘दूसरी और तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले विधायकों में भी उन्हें प्राथमिकता दी गई है जो मोदी लहर के दौरान भी चुनाव जीतने में सफल रहे थे।’ उल्लेखनीय है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ी मशक्कत के बाद अशोक गहलोत को तीसरी बार मौका दिया गया। वहीं उनके साथ मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार रहे सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। मंत्रिमंडल के गठन में भी दोनों खेमों के विधायकों ने खूब जोर आजमाया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 199 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं। यहां कांग्रेस ने तीन अन्य दलों के साथ गठबंधन भी किया था। राष्ट्रीय लोक दल को यहां एक ही सीट मिली थी। चुनाव के बाद कांग्रेस को यहां बसपा ने भी समर्थन दे दिया था।