जम्मू कश्मीर के अनंतनाग और शोपियां जिलों में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई में सेना ने रविवार को तीन आतंकवाद निरोधक अभियानों में 12 आतंकवादियों को मार गिराया गया जबकि सेना के तीन जवान शहीद हो गए। इस दौरान चार आम लोगों को भी जान गंवानी पड़ी। ये अभियान दो जिलों में शनिवार रात शुरू किए गए थे जो रविवार अपराह्न तक जारी रहे। अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग जिले के दायलगाम में एक आतंकवादी मारा गया और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया जबकि द्रगाद में सात आतंकवादी मारे गए। शोपियां जिले के काचदुरू क्षेत्र में चार आतंकवादियों को मार गिराया गया। मारे गए 12 आतंकवादियों में से अब तक 11 की पहचान कर ली गई है और ये सभी स्थानीय निवासी हैं। इससे पूर्व पुलिस ने बताया था कि काचदुरू में पांच आतंकवादी मारे गए हैं लेकिन इसके बाद मारे गए आतंकवादियों की संख्या को संशोधित करते हुए चार बताया गया। काचदुरू क्षेत्र में सेना के तीन जवान शहीद हो गए और तीन नागरिक भी मारे गए हैं जबकि एक अन्य नागरिक भी आतंकवादियों के साथ मारा गया। इस नागरिक के घर पर ये आतंकवादी छिपे हुए थे।

पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर क्षेत्र) एसपी पाणि ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर बहुत जबर्दस्त काम किया है। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों के इस अभियान से हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को करारा झटका लगा है। अवंतिपुरा के विक्टर फोर्स मुख्यालय में आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वेद ने कहा कि कश्मीर घाटी में हाल में आतंकवादी समूहों के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। अधिकारियों ने बताया कि काचदुरू में अभियान समाप्त हो गया है और सुरक्षाकर्मी सोमवार को फिर से मलबे में खोजबीन शुरू करेंगे। इससे पूर्व अवंतिपुरा में विक्टर फोर्स मुख्यालय में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में 15वीं कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने इसे हाल के समय में सबसे बड़ा अभियान करार दिया और कहा कि लेफ्टिनेंट उमर फय्याज का बदला ले लिया गया है। लेफ्टिनेंट फय्याज की पिछले साल शोपियां में निर्मम हत्या कर दी गई थी। मारे गए आतंकवादियों में इश्फाक ठोकर, एहतेमाद हुसैन और आकिब इकबाल शोपियां क्षेत्र में आतंकवाद से संबंधित कई गतिविधियों के लिए जिम्मेदार थे। आतंकवादियों ने पिछले साल मई में फय्याज (22) की हत्या कर दी थी। दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के हरमैन इलाके में उनका शव बरामद किया गया था।

डीजीपी ने एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के प्रयास का भी जिक्र किया। दायलगाम मुठभेड़ के दौरान एसएसपी ने एक आतंकवादी को आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मैं दायलगाम मुठभेड़ का खास जिक्र करना चाहूंगा जहां हमारे एसएसपी ने एक विशेष प्रयास किया, जैसा दुनिया में कहीं भी सुनने को नहीं मिलता है।’ डीजीपी ने कहा, ‘उन्होंने (एसएसपी ने) एक आतंकवादी के परिजन को फोन किया। उन्होंने उससे 30 मिनट तक बात की, ताकि उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया जा सके। दुर्भाग्यवश, उसने अपने परिजन की सलाह नहीं मानी। बातचीत के दौरान जिला एसएसपी ने उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस के पास पलटवार करने के सिवाय और कोई चारा नहीं था। वह मारा गया। एक अन्य जीवित पकड़ा गया।’

काचदुरू में चल रही मुठभेड़ पर डीजीपी ने कहा कि वहां चार- पांच आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना थी, लेकिन हम मलबे के साफ होने के बाद ही सही तस्वीर बता पाएंगे। पुलिस प्रमुख ने बताया कि शोपियां जिले के द्रगाद में हुई मुठभेड़ में एक और काचदुरू में एक आम नागरिक की मौत हो गई। काचदुरू में मुठभेड़ की जगह पर हिंसा भड़क उठी जिसमें 25 आम लोग पैलेट से जख्मी हुए जबकि छह अन्य को गोलियां लगी। डीजीपी ने कहा कि द्रगाद में हुई मुठभेड़ में मारे गए सभी सात आतंकवादी स्थानीय निवासी थे और उनके परिवारों ने उनके शव मांगे हैं। सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (आइजी) जुल्फीकार हसन ने बताया कि शोपियां में मुठभेड़ की जगह पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। उन्होंने कहा कि अभियान नहीं रुकेंगे और यदि उन्होंने आतंकवाद निरोधक अभियानों में जवानों पर पत्थर फेंकने बंद नहीं किए तो हमें सभी आक्रामक उपाय करने होंगे। डीजीपी ने कहा कि नौजवानों को इस तरह मरते देखना दुखद है।