सरकार की ओर से किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद मणिपुर में हिंसक घटनाओं पर विराम नहीं लग पा रहा है। हाल ही में मणिपुर के सेरोऊ सुगनू इलाके में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान शहीद हो गया। सुरक्षाबलों की ओर से जारी बयान के मुताबिक 5 और 6 जून की रात काकचिंग जिले के सुगनू थाना क्षेत्र के सेरोऊ इलाके में कूकी विद्रोहियों ने सुगनू थाना क्षेत्र के सेरोऊ प्रैक्टिकल हाईस्कूल पर हमला किया गया। विद्रोहियों ने बीएसएफ जवानों पर फायरिंग की, बीएसएफ के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में गोली लगने से बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया।

आतंकी कर रहे स्नाइपर्स का इस्तेमाल

मणिपुर के काकचिंग जिले में मंगलवार को बीएसएफ के एक जवान की हत्या से एक हफ्ते पहले सीमावर्ती शहर मोरेह में बल के एक और जवान की इसी तरह की हत्या हुई थी। इन सबके बीच मणिपुर में सुरक्षाबलों के लिए ज्यादा चिंता का विषय यह है कि जिस तरह से जवानों को दूर से सटीक फायरिंगन से मारा जा रहा है इसका मतलब है कि आतंकी स्नाइपर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि चूंकि कुकी विद्रोही समूह स्नाइपर्स का इस्तेमाल करने के लिए नहीं जाने जाते हैं, ऐसे में सुरक्षाबल अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सशस्त्र समूहों, बड़े पैमाने पर नागरिकों को सटीक फायरिंग का कोई प्रशिक्षण मिला है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों जवानों को किसने गोली मारी क्योंकि मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने इमारत की छत पर खड़ा था जवान

मणिपुर में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “जवान बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने इमारत की छत पर खड़ा था। ताबड़तोड़ फायरिंग में उनकी गर्दन में चोट लगी है। फायरिंग आसपास की पहाड़ियों से हुई थी। यह अप्रशिक्षित हाथों की करतूत नहीं लगती लेकिन एसओओ समूहों को स्नाइपर्स का इस्तेमाल करने के लिए नहीं जाना जाता है।” SoO, 22 अगस्त 2008 को कुकी उग्रवादी समूहों और सरकार के बीच साइन किए गए ऑपरेशन के निलंबन समझौते को प्रदर्शित करता है।

अमित शाह ने किया था मणिपुर का दौरा

अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से एक दिन पहले 28 मई को मोरेह में एक और हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस अवधि में राज्य में हिंसा फिर से बढ़ गई थी। बीएसएफ के सूत्रों ने कहा कि मोरेह में तैनात बल के एक कांस्टेबल नरेंद्र कुमार को सिर में गोली लगी थी और अगले दिन इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उसकी मौत हो गई थी। बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, “जवान सुरक्षाबल कर्मियों के साथ, मोरेह शहर में विरोध कर रही महिलाओं के एक समूह से बात कर रहा था ताकि उन्हें हटने के लिए राजी किया जा सके। अचानक एक गोली उसे लगी और वह गिर पड़ा।”

सूत्रों ने कहा कि दोनों ही मामलों में सटीकता से चलाई गई एक गोली ने जवानों की जान ले ली। एक अधिकारी ने कहा, “जो कोई भी है, सवाल यह है कि उन्हें ट्रेनिंग कौन दिला रहा है।” एक सैन्य अधिकारी ने हालांकि कहा कि मणिपुर में जिस तरह की सटीक गोलीबारी हो रही है, उसके लिए विशेष स्नाइपर प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होगी। ज्यादातर फायरिंग 300-400 गज के दायरे में हो रही है। एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (SLR) पर एक प्रशिक्षित हाथ इतनी रेंज में सटीक फायरिंग कर सकता है। आपको लंबी दूरी तक स्नाइपर फायरिंग की जरूरत होगी।’