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Sushant Singh Rajput: सुशांत सिंह राजपूत जितने बेहतरीन बॉलीवुड की पिच पर थे उतने ही अच्छे वह एक क्रिकेटर भी थे। अपने रुमानी अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन कराने वाले अभिनेता ने क्रिकेट की पिच पर भी जलवा बिखेरना चाहते थे। सुशांत ने एक बार क्रिकेटर बनने की इच्छा भी जाहिर की थी। उनका बचपन से भी क्रिकेट से लगाव था और बड़े होकर वे क्रिकेटर बनना का सपना देखते थे। बचपन में क्रिकेट सीजन शुरू होने से पहले सारे मैचों की तारीख नोट कर लिया करते थे, खासतौर पर भारत और पाकिस्तान मुकाबले की। वह भारत-पाकिस्तान मैच के दिन कोई और काम नहीं किया करते थे। लेकिन दिलचस्प ये भी है कि रुपहले पर्दे पर भी खिलाड़ी के रूप में नजर आए और दर्शकों को अपने खेल से भी दीवाना कर गए। लेकिन अब मन में यह सवाल ही कचोटता है कि जब उनका सपना क्रिकेटर बनना था और वे एक बेहतरीन खिलाड़ी भी थे तो आखिरकार किस वजह से उन्हें खेल छोड़ना पड़ा। फोटो पर क्लिक कर जानिए सुशांत के क्रिकेट छोड़ इंडस्ट्री में आने का कारण।
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क्रिकेटर बनने का सपना देख रहे सुशांत की किस्मत उन्हें फिल्मों में ले आई, लेकिन इंडस्ट्री में भी उनका क्रिकेट कनेक्शन यहां भी बना रहा। अपनी पहली ही फिल्म 'काय पो चे' में उन्होंने क्रिकेट कोच की भूमिका निभाई। फिल्म की कहानी तो दमदार थी ही साथ ही डायलॉग भी जबरजस्त हैं।
काय पो चे के बाद सुशांत की झोली में खेल से संबंधित एक और बड़ी फिल्म एमएस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी हाथ लगी। यह फिल्म उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि रही, जिसमें उन्होंने 'कैप्टन कूल' महेंद्र सिंह धोनी का किरदार निभाया। -
महेंद्र सिंह धोनी के लुक में ढलने के लिए सुशांत ने खूब मेहनत की और बाद में उनकी मेहनत भी रंग लाई। पर्दे पर सुशांत की बैटिंग देख हर किसी को लगा वे धोनी ही हैं।
नीरज पांडे ने इस रोल के लिए सुशांत को चुनकर धोनी के कैरेक्टर के बेहतरीन तरीके से पर्दे पर प्रस्तुत किया। यकीनन इस रोल को सुशांत से बेहतर कोई दूसरा नहीं कर सकता था। फिल्म 30 सितंबर 2016 को रिलीज हुई थी। -
फिल्म की फिल्म में सुशांत हूबहू धोनी से मिलते जुलते नजर आए। फिल्म के प्रमोशन में सुशांत ने भारतीय कप्तान धोनी की जिंदगी के बीच एक आधी समानता भी बताई थी।
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सुशांते न कहा था, '' एमएस धोनी आज के समय में रहते हैं, वह अतीत के बारे में नहीं सोचते या भविष्य की चिंता नहीं करते, जबकि मैं अतीत से आगे बढ़ना पसंद करता हूं लेकिन भविष्य के बारे में नहीं सोचता। इसलिए, धोनी और मेरे बीच यह आधी समानता है! "
सुशांत ने भारतीय टीम के लिए खेलने का सपना भी देखा था। बाताय जाता है कि वह भारतीय टीम के लिए खेलना चाहते थे, लेकिन घर में सबसे छोटा और इकलौता बेटा होने के चलते उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा। एक इंटरव्यू के दौरान सुशांत ने बताया था कि ''मेरी अकादमी को मुझसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन मुझे क्रिकेट को करिअर चुनना थोड़ा जोखिम भरा लगा। मुझे मेरे परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरना था, लेकिन मैं शायद खुद को उस स्तर का नहीं समझ रहा था। यही वो पल था जब उन्होंने क्रिकेट को छोड़कर इंजीनियरिंग को अपनाया। -
सुशांत की किस्मत देखो कहां वो खिलाड़ी बनने के सपने संजो रहे थे हालांकि बाद में वह एक्टिंग में उतर गए। इस दौरान सुशांत का क्रिकेट को लेकर प्यार कभी भी कम नहीं हुआ।
