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भारतीय क्रिकेट टीम वनडे अंतरराष्ट्रीय में काफी मजबूत रही है और यही कारण है कि भारत अपने नाम दो वर्ल्ड कप कर चुका है। पचास ओवरों के मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने अक्सर अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया है। इस प्रदर्शन में चार चांद तब लग जाते हैं, जब दो अनुभवी खिलाड़ी बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरें और काफी रनों की साझेदारी निभाएं। वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में साझेदारी मुख्य भूमिका निभाती है। वहीं, इतिहास की तीन सबसे बड़ी साझेदारियों में दो भारत के नाम पर हैं। भारतीय क्रिकेटरों ने हर एक विकेट के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी निभाते हुए रिकॉर्ड बनाया है।
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वनडे फॉर्मेट में साझेदारी की बात हो और सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली का नाम न लिया जाए, यह हो नहीं सकता। इन दो दिग्गज खिलाड़ियों ने पहले विकेट के गिरने तक 258 रनों की साझेदारी की थी। यह बात पार्ल में खेले गए स्टैंडर्ड बैंक ट्राएंगुलर टूर्नामेंट की है, जब इन दोनों खिलाड़ियों ने 258 रनों की साझेदारी निभाई थी। यह साझेदारी उस समय के वनडे अंतरराष्ट्रीय इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी थी। (Photo Source: BCCI)
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1999 में हैदराबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मैच में सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने मजबूत साझेदारी निभाई थी। पांच मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में एक विकेट गिरने के बाद सचिन तेंदुलकर का साथ देने के लिए मैदान पर राहुल द्रविड़ आए। दूसरा विकेट गिरने तक अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए जहां राहुल द्रविड़ ने 153 रन बनाए तो वहीं सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 186 रनों की पारी खेली। दोनों के बीच 331 रनों की साझेदारी हुई जो साल 2015 तक की सबसे बड़ी साझेदारी थी, लेकिन इस रिकॉर्ड को क्रिस गेल और मार्लोन सैम्यूल्स ने तोड़ दिया। इन दोनों खिलाड़ियों ने जिम्बाव्बे के खिलाफ 372 रनों की साझेदारी पारी खेली थी। (Photo Source: Indian Express)
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सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के बल्ले ने एक बार फिर 1999 वर्ल्ड कप के दौरान गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए थे। वर्ल्ड कप के बीच में ही सचिन के पिता जी गुजर गए थे। टूर्नामेंट के बीच में ही उन्हें पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए वापस भारत लौटना पड़ा। पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद सचिन फिर से मैदान पर उतरे और जो उन्होंने अपने बल्ले से करके दिखाया, वह उनके द्वारा अपने पिता के लिए दिया गया सबसे बड़ा ट्रिब्यूट था। टूर्नामेंट के दो मैच हारने के बाद भारत को जीत की चाह थी। तीसरे मैच में भारत के दो विकेट गिर चुके थे, लेकिन राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए 237 रनों की साझेदारी निभाई, जिसकी मदद से भारत यह मैच जीत गया था। (Photo Source: Reuters)
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1998 पेप्सी ट्राएंगुलर सीरीज में मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा ने नाबाद 275 रनों की साझेदारी वाली पारी खेली थी। इन दो दिग्गज खिलाड़ियों ने तीन विकेट गिर जाने के बाद यह साझेदारी निभाई थी। कटक में खेले गए इस मैच में जिम्बाव्बे के खिलाफ अजहरुद्दीन ने 153 रन बनाए थे तो वहीं अजय जडेजा ने 116 रन बनाए थे। भारत यह मैच 32 रनों से जीता था। (Photo Source: Twitter)
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पांचवें विकेट के लिए साझेदारी का रिकॉर्ड भी अजय जडेजा और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम पर है। 1997 में तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में दोनों खिलाड़ियों ने 223 रनों की साझेदारी निभाई थी।
