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भारतीय टीम बुधवार से इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने मैदान में उतरेगी। इस सीरीज के हर मैच में दोनों ही टीमें अपने बेस्ट प्लेइंग इलेवन के साथ खेलना चाहेगी। भारतीय टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या, आर अश्विन और रविंद्र जडेजा के लिए भी यह सीरीज कई मायनों में खास है। इन खिलाड़ियों के पास एक बार फिर अपने हुनर को साबित करने का मौका है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने इंग्लैंड दौरे पर उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन कर सभी को हैरान करने का काम किया। (फोटो सोर्स- एपी)
अनिल कुंबले : अनिल कुंबले ने अपना पहला इंटरनेशनल टेस्ट मैच साल 1900 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। साल 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ ही कुंबले ने अपना पहला टेस्ट शतक भी जड़ा था। पहला टेस्ट शतक लगाने के लिए कुंबले ने 118 मैचों का लंबा समय लिया। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक ही पारी में 10 विकेट लेने वाले कुंबले इकलौते गेंदबाज हैं। (Source: Express Archive) -
अजीत अगरकर : अजीत अगरकर लॉर्ड्स के मैदान पर एक शानदार शतक जड़ सभी को हैरान कर चुके हैं। साल 2002 में अगरकर ने नंबर 8 पर बैटिंग करते हुए शानदार शतक जड़ा था। अगरकर इस दौरे के बाद भारत के लिए बतौर ऑलराउंडर कई मैचों में बल्ले से भी अपना दम दिखाया। (फोटो सोर्स- फाइल फोटो)
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आशीष नेहरा : साल 2002 में टीम इंडिया इंग्लैंड दौरे पर थी। लॉर्डस में खेले गए टेस्ट मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन चौथी पारी में नेहरा ने अपनी गेंदबाजी नहीं बल्कि बल्लेबाजी से वाहवाही लूटने में कामयाब रहे। दरअसल, एक तरफ अजीत अगरकर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। अगरकर 67 रन पर खेल रहे थे तभी भारत को नौंवा झटका लगा। ऐसे में बल्लेबाजी करने आए नेहरा से शायद ही किसी ने कुछ खास उम्मीद रखी थी। नेहरा ने ना सिर्फ अगरकर का शतक पूरा कराने में मदद की बल्कि 54 गेंदों पर 19 रनों की शानदार पारी भी खेली। इस दौरान नेहरा के बल्ले से दो चौके और एक छक्का भी निकला। (Source: Express Archive)
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विजय मर्चेंट : आजादी के बाद साल 1952 में भारतीय टीम विजय मर्चेंट की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर गई। इस दौरे पर भारतीय टीम को चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी थी। इस सीरीज को भारत 3-0 से हार गई, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। इंग्लैंड की ओर से डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज फ्रेड ट्रूमैन इस सीरीज में छाए रहे। एक मैच में तो उन्होंने बिना किसी स्कोर पर भारत के चार खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। एक तरफ उनकी गेंदबाजी के आगे दूसरे बल्लेबाज आउट हो रहे थे तो वहीं दूसरी ओर विजय मर्चेंट अकेले ही संघर्ष कर रहे थे। इस मैच में विजय ने टीम के लिए सबसे अधिक 56 रन बनाए। (फोटो सोर्स- विकिपीडिया)
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मोहम्मद निसार : 25 जून 1932 में लॉडर्स के मैदान पर भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। इस मैच में टीम की कप्तानी सीके नायडू कर रहे थे, भारत 158 रनों से इस मुकाबले को हार गया था। भारतीय टीम भले ही इस मैच को हार गई हो, लेकिन मोहम्मद निसार ने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने इस मैच में 135 रन देकर 6 विकेट हासिल किए और भारत की ओर से पहले 5 या उससे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने। निसार को आज भी उनकी गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है। (फोटो सोर्स- विकिपीडिया)
