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इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने की वजह से आसमान में कई किलोमीटर ऊपर तक राख के बादल दिखाई दे रहे हैं। इसका असर भारत तक देखा जा रहा है। इसके राख लाल सागर को पार करते हुए मध्य पूर्व और मध्य एशिया की ओर बढ़ रहे हैं। (Photo: AP)
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इथियोपिया से दिल्ली 4500 किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन इसके बाद भी इसके राख यहां तक पहुंचने लगे हैं। इस ज्वालामुखी का नाम हायली गुब्बी है जो रविवार को फटा। हालांकि, इसके राख सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि यमन, ओमान और उत्तरी पाकिस्तान तक पहुंचे हैं। (Photo: AP)
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इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के चलते कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ाने या तो देरी से चल रही हैं या फिर रद्द कर दी गई हैं। वहीं, कई उड़ानों का रूट बदल दिया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं इसकी राख हवाई जहाज के लिए कितनी खतरनाक है। (Photo: Unsplash)
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हायली गुब्बी ज्वालामुखी पिछले 12,000 सालों में पहली बार फटी है। इसकी राख विमान के इंजन को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही विमान की बाहरी सतहों और नेविगेशन सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकती है। (Photo: AP)
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राख के सख्त-नुकीले कण विमान की खिड़कियों और बाहरी सतह से टकराने के बाद धीरे-धीरे घिसने लगते हैं। राख के कण सैंडपेपर की तरह विंडस्क्रीन को घिर देते हैं जिससे वायरल की विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है। (Photo: AP)
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इसके साथ ही राख के कण प्लेन के सेंसरों को भी खराब कर सकते हैं। इससे स्पीड मापने वाले सेंसर खराब हो सकते हैं जिससे नेविगेशन में भी मुश्किल आ सकती है। (Photo: Pexels)
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केबिन की हवा की क्वालिटी भी खराब हो सकती है। इसे कण वेंटिलेशन सिस्टम में भी घुस जाते हैं जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। (Photo: Pexels) इथियोपिया ज्वालामुखी: भारत के कई शहरों पर असर, शाम तक चीन में भी दिखेगा राख वाला बादल