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भारत एक ऐसा देश है जहां हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व जुड़ा हुआ है। इन्हीं में से एक है विश्वकर्मा पूजा, जिसे ‘शिल्पियों और कारीगरों का पर्व’ भी कहा जाता है। (Express Photo)
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यह पर्व हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर 16 से 18 सितंबर के बीच पड़ता है। इसके अलावा, देश के कई हिस्सों में यह पूजा दिवाली के अगले दिन, गोवर्धन पूजा के साथ भी की जाती है। (Express Photo)
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विश्वकर्मा कौन हैं?
विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार और ब्रह्मांड का दिव्य वास्तुकार माना गया है। ऋग्वेद में उनका उल्लेख एक सृजनकर्ता के रूप में मिलता है। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के लिए द्वारका नगरी का निर्माण किया। पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ महल बनाया। (PTI Photo) -
देवताओं के लिए अद्भुत अस्त्र-शस्त्र तैयार किए, जैसे – विष्णु का सुदर्शन चक्र, शिव का त्रिशूल और कार्तिकेय का भाला। उन्हें स्थापत्य वेद (यंत्र-यंत्रणा और वास्तुकला का शास्त्र) का रचयिता भी माना जाता है। इसी कारण विश्वकर्मा को ‘सृजन और शिल्पकला के देवता’ के रूप में पूजा जाता है। (Photo Source: Pexels)
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क्यों मनाई जाती है विश्वकर्मा पूजा?
विश्वकर्मा पूजा का मुख्य उद्देश्य है – कार्य में सफलता, मशीनों की सुरक्षा और जीवन में प्रगति की कामना करना। यह पर्व खासतौर पर उन लोगों के बीच लोकप्रिय है जिनका सीधा संबंध शिल्प, निर्माण और मशीनों से होता है। (Express Photo) -
इस दिन कारीगर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, मिस्त्री, मजदूर, फैक्ट्री वर्कर और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। वहीं, देश के रक्षक भी इस मौके पर अपने शस्त्रों की पूजा करते नजर आते हैं। (Photo ANI)
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पूजा का महत्व और रीति-रिवाज
कार्यस्थलों, फैक्ट्रियों और औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष रूप से इस दिन उत्सव मनाया जाता है। पूजा के समय मशीनों और औजारों की साफ-सफाई की जाती है और उन्हें फूल-मालाओं से सजाया जाता है। (Express Photo) -
श्रद्धालु बेहतर भविष्य और सुरक्षित कार्यस्थल की प्रार्थना करते हैं। प्रसाद बांटने और सामूहिक भोजन का आयोजन भी कई जगह होता है। कई जगह अस्थायी मंदिर या पंडाल बनाकर विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
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सरकारी अवकाश और मान्यता
भारत में 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर कई राज्यों में सरकारी अवकाश घोषित किया जाता है, हालांकि यह राष्ट्रीय अवकाश नहीं होता बल्कि ‘प्रतिबंधित अवकाश’ (Restricted Holiday) के रूप में दर्ज है। वहीं, नेपाल में इसे पूर्ण सरकारी अवकाश के रूप में मनाया जाता है। (PTI Photo)
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