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अब वीआईपी सिक्योरिटी ड्यूटी में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) कमांडो नजर नहीं आएंगे। इन्हें हटाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है। अब NSG कमांडो का इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जाएगा। वहीं, वीआईपी सिक्योरिटी की कमान CRPF के पास होगी। CRPF की एक नई बटालियन बनाई गई है जिन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें वीआईपी सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है। (Photo: Indian Express)
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ऐसे में आइए जानते हैं NSG कमांडो कौन बनता है और इन्हें ब्लैक कैट कमांडो क्यों कहते हैं और इनकी कितनी सैलरी होती है। (Photo: Indian Express)
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क्या-क्या कर सकता है एक NSG कमांडो?
NSG कमांडो की ट्रेनिंग इतनी सख्त होती है कि इसका एक ही जवान दर्जनों दुश्मनों पर अकेले भारी पड़ता है। ये देश की बेहतरीन कमांडो फोर्स है। मारने और मरने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले एनएसजी कमांडो आतंकियों को मारने, होस्टेस स्थिति को संभालने, सीक्रेट मिशन, सर्जिकल स्ट्राइक और युद्ध से पहले जासूसी करना बखूबी से जानते हैं। (Photo: Indian Express) -
दुश्मनों का काल है NSG
एक एनएसजी कमांडों को ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि वो आसमान, जमीन और पानी हर जगह दुश्मनों को मौत के घाट उतारने के लिए हमेशा तैयार रहता है। एक एनएसजी कमांडो बनने के लिए बेहद ही कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। (Photo: Indian Express) (मिडिल ईस्ट में इजराइल से ज्यादा ताकतवर देश कौन-कौन से देश हैं? इजरायल के कट्टर दुश्मन उससे कितने ताकतवर हैं? ईरान और लेबनान की आर्मी? मिडिल ईस्ट में सबसे अधिक सेना किसके पास है?… ये जानने के लिए यहां क्लिक करें) -
कौन बन सकता है NSG कमांडो?
NSG कमांडो के सेलेक्शन में इंडियन आर्म्ड फोर्सेस या फिर पैरामिलिट्री फोर्स जैसे आर्मी, सीआरपीएफ, बीएसएफ और ITBP के जवानों को शामिल किया जाता है। इन सैनिकों को पहले से ही कड़ी ट्रेनिंग मिली हुई होती है। (Photo: Indian Express) -
कैसे होता है सेलेक्शन
NSG की चयन प्रक्रिया में चुने गए उम्मीदवारों को फिजिकल फिटनेस, मेंटल स्ट्रेंथ और साइकोलॉजिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इनकी ट्रेनिंग 14 महीने की होती है। इस फोर्स में 10 हजार से ज्यादा कमांडो हैं। (Photo: Indian Express) -
मिलती है खास ट्रेनिंग
चयनित उम्मीदवारों को बेहद ही कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग में अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग, बंदूक चलाना, विस्फोटकों के बारे में जानकारी और शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाना शामिल है। एक NSG कमांडो को आतंकवादी ठिकानों पर छापा मारने, हॉस्टेज को छुड़ाने और हाई प्रोफाइल सुरक्षा के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। (Photo: Indian Express) -
क्यों कहा जाता है ब्लैक कैट कमांडो?
दरअसल, ये काले रंग की वर्दी और हेलमेट पहनते हैं जिससे इनकी पहचान सबसे छिपी रहती है। इनका प्रतीक चिन्ह भी एक काली बिल्ली है जो इनकी तेजी और फुर्ती का प्रतीक है। इसी वजह से इन्हें ब्लैक कैट कमांडो कहा जाता है। (Photo: Indian Express) -
एनएसजी कमांडो को सैलरी?
एक एनएसजी कमांडो को अच्छी सैलरी के साथ ही कई सारी सुविधाएं भी मिलती हैं। एक रिपोर्ट की मानें तो ट्रेनिंग के दौरान इन्हें 18 हजार रुपये प्रति माह का स्टाइपेंड मिलता है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद एक NSG कमांडो की सैलरी 40,000 रुपये से लेकर 85,000 रुपये प्रति माह तक होती है। इसके साथ ही इन्हें कई भत्ते और सुविधाएं जैसे यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता, मुफ्त राशन, सरकारी आवास, मुफ्त शिक्षा, चिकित्सा सुविधाएं और पेंशन शामिल है। (Photo: Indian Express) (इजरायल और ईरान के बीच इस वक्त जंग के माहौल बनते नजर आ रहे हैं। किस देश की सेना ज्यादा ताकतवर है। इजरायल के पास ज्यादा लड़ाकू विमान हैं या फिर ईरान के पास। किसके पास ज्यादा मिसाइलें हैं? जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें)