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माथे पर तिलक लगाने की परंपरा भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ी हुई है, बल्कि इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। तिलक लगाने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण होते हैं, जो मानसिक और शारीरिक लाभों से जुड़े होते हैं। आइए जानते हैं इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के बारे में। (Photo Source: Pexels)
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धार्मिक महत्व:
हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है। इसे शुभ अवसरों, पूजा-पाठ, विवाह और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। माना जाता है कि हमारे मस्तक के मध्य स्थित स्थान पर भगवान विष्णु का वास होता है, और यह स्थान त्रिवेणी या संगम कहलाता है। यहां तीन प्रमुख नाड़ियां—इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना—आपस में मिलती हैं, जो हमारे शरीर की ऊर्जा का प्रवाह नियंत्रित करती हैं। (Photo Source: Pexels) -
इसलिए, इस स्थान पर तिलक लगाने से मानसिक शांति और ध्यान की स्थिति प्राप्त होती है। खासकर महिलाओं के लिए कुमकुम तिलक लगाने की परंपरा है, जिसे शुभता और देवी के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। तिलक का यह धार्मिक पहलू विश्वास, ऊर्जा और आस्था से जुड़ा हुआ है। (Photo Source: Pexels)
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
माथे के मध्य स्थित स्थान को ‘आज्ञाचक्र’ (Third Eye Chakra) कहा जाता है, जो हमारे मस्तिष्क के केंद्र से संबंधित होता है। यह स्थान पीनियल ग्रंथि (Pineal Gland) के पास स्थित होता है, जो हमारे शरीर का प्रमुख ऊर्जा केंद्र होता है। पीनियल ग्रंथि हमारे शरीर में मानसिक शांति और ध्यान की स्थिति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। (Photo Source: Pexels)
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जब माथे पर तिलक लगाया जाता है, तो यह पीनियल ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जिससे मानसिक शांति, एकाग्रता और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, तिलक लगाने से शरीर में सेरोटोनिन और बीटा-एंडोर्फिन जैसे रसायन उत्पन्न होते हैं, जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं। इससे शांति और संतुलन की स्थिति पैदा होती है, जिससे व्यक्ति में सकारात्मक सोच और मानसिक तरावट बनी रहती है। (Photo Source: Pexels)
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तिलक लगाने के प्रकार और उनके लाभ:
चंदन तिलक:
चंदन को शीतलता और शांति देने वाला माना जाता है। यह मस्तिष्क को ठंडा और शांत करता है, जिससे मानसिक थकावट कम होती है और शांति मिलती है। (Photo Source: Pexels) -
कुमकुम तिलक:
यह विशेष रूप से महिलाओं द्वारा विवाह के बाद लगाया जाता है। कुमकुम तिलक ऊर्जा, सौंदर्य और स्फूर्ति का प्रतीक होता है, और यह जीवन में सकारात्मकता लाता है। (Photo Source: Pexels)
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भस्म तिलक:
शिव भक्तों द्वारा लगाया जाता है, यह मोहमाया से दूर रहने और आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होने का प्रतीक है। (Photo Source: Pexels) -
हल्दी तिलक:
हल्दी का तिलक सौभाग्य, शुद्धता और स्वास्थ्य का प्रतीक होता है। यह व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और सुरक्षा की भावना को प्रकट करता है। (Photo Source: Pexels) -
ओवरऑल प्रॉफिट:
माथे पर तिलक लगाने से न केवल शरीर में ऊर्जा का संतुलन स्थापित होता है, बल्कि यह मानसिक स्थिति को भी नियंत्रित करता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है, गुस्से को नियंत्रित करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है। इसके अलावा, तिलक लगाना एक व्यक्ति को आंतरिक शांति, संतुलन और सकारात्मकता का अहसास कराता है। (Photo Source: Pexels)
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