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प्रयागराज महाकुंभ मेले में अब तक 5 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ और कुंभ जैसे बड़े हिंदू पर्व के समय नागा साधु खूब चर्चा में रहते हैं। सांसारिक मोह माया को त्याग चुके नागा साधु एक अलग तरह का जीवन जीते हैं। (Photo: Reuters)
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ये बहुत ही कम लोगों को पता है कि नागा साधु कोडवर्ड में बात करते हैं। कई चीजों को लेकर कोडवर्ड है जिसकी जानकारी सिर्फ नागा साधु को ही होती है। आइए जानते हैं क्या-क्या हैं इनके कोडवर्ड: (Photo: Reuters)
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क्यों करते हैं कोडवर्ड में बात?
दरअसल, नागा साधु मुगलों और अंग्रेजों के समय से ही कोडवर्ड में बात करते आ रहे हैं। उस दौरान अपनी सूचनाओं को गुप्त रखने के लिए नागा साधु कोडवर्ड में बात किया करते थे। (Photo: Reuters) -
इसके साथ ही कोडवर्ड में यह भी बात करने की वजह है ताकि इनके अखाड़े में कोई चोरी-छिपे फर्जी नागा न शामिल हो जाए। (Photo: Reuters) कौन था पहला ‘अघोरी’? क्यों खाते हैं इंसानों की अधजली मांस
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ये हैं कोडवर्ड
नागा साधु आटे को भस्मी बोलते हैं। इसी तरह दाल को पनियाराम कहते हैं और लहसुन को पाताल लौंग कहकर बुलाते हैं। (Photo: Reuters) -
नागा साधु नमक को रामरस, मिर्च को लंकाराम, प्याज को लड्डूराम, घी को पानी और रोटी को रोटीराम कहते हैं। (Photo: Reuters)
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इसी तरह आखाडों में जो बैठक होती है उसका भी कोडवर्ड है जिसे चेहरा कहा जाता है। वहीं, जहां अखाड़े की कीमती वस्तुएं रखी जाती हैं उसे मोहरा कहते हैं। (Photo: Reuters)
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नागा साधुओं के अखाड़ों की जो भी बैठक होती है वो मोहरा के सामने होती है। (Photo: Reuters) सुबह कितने बजे उठ जाते हैं नागा साधु, कैसा होता है दिन का रूटीन