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ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों का सबसे प्रमुख त्योहार क्रिसमस होता है। क्रिसमस दुनिया के कई देशों के साथ ही भारत में भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। ईसाई धर्म को मानने वाले हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाते हैं। (Photo: Pexels)
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25 दिसंबर को गिरिजाघरों से लेकर ईसाई लोग अपने घरों को सजाते हैं। लोग केक काटते हैं और तरह-तरह की डिशेज बनाते हैं। लेकिन ये त्योहार पहली बार कब मनाया गया था और हर साल 25 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं। आइए जानते हैं: (Photo: Pexels)
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ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबिल के अनुसार प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। बाइबल के अनुसार यीशु का जन्म इजरायल के यरुशलम शहर बेथलेहेम में मरियम और यूसुफ के घर 4 ईसा पूर्व में हुआ था। (Photo: Pexels)
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ईसाइयों के लिए यह जगह सबसे पवित्र मानी जाती है। जहां यीशु का जन्म हुआ था है वहां पर चर्च ऑफ नेटिविटी है। (Photo: Pexels)
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ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबिल में बताई गई मान्यताओं के अनुसार 30 वर्ष की उम्र में आते-आते यीशु ने मानवता के कल्याण के लिए काम करना शुरू कर दिया और फिर जगह-जगह जाकर लोगों को उपदेश देने लगे। (Photo: Pexels) भगवान कृष्ण ने कौरवों से पांडवों के लिए कौन से 5 गांव मांगे थे, अब क्या है इनका नाम
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उनका ऐसा करना यहूदी धर्म के कट्टरपंथियों को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने इसका विरोध किया। इसके बाद एक दिन उन्हें रोमन गवर्नर के सामने पेश किया है जिसके बद उन्हें सूली पर चढ़ाने की सजा सुनाई गई। (Photo: Pexels)
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गुड फ्राइडे के दिन उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईश्वर के चमत्कार से यीशु फिर से जीवित हो गए। इसके बाद उन्होंने ईसाई धर्म की स्थापना की। (Photo: Pexels)
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ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार सेक्सटस जूलियस अफ्रीकनस ने 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट का जन्मदिन मनाने का फैसला किया था जिसके बाद से पूरी दुनिया में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है। (Photo: Pexels)
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यह भी मान्यता है कि जीसस क्राइस्ट की मां मरियम ने 25 मार्च को गर्भ धारण किया था और इसके 9 महीने बाद 25 दिसंबर को प्रभु यीशु को जन्म दिया था। (Photo: Pexels)
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इसके साथ ही रोमन लोगों का यह भी मानना है कि 25 दिसंबर को ही सूर्य जन्म लेते हैं। वहीं आधिकारिक तौर पर 1970 में अमेरिका ने क्रिसमस के दिन फेडरल हॉलिडे की घोषणा की। (Photo: Pexels)
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ये भी मान्यता है कि, 336 ई.पूर्व में रोम के पहले ईसाई सम्राट के दौर में 25 दिसंबर के दिन सबसे पहले क्रिसमस मनाया गया जिसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने ऑफिशियली जीसस क्राइस्ट का जन्मदिन 25 दिसंबर के दिन मनाने का ऐलान कर दिया। इसी के बाद से पश्चिमी देशों में क्रिसमस डे 25 दिसंबर को मनाया जाने लगा। (Photo: Pexels) कर्ण के धनुष का क्या था नाम? उठाते ही चारों ओर बन जाता था अभेद घेरा