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अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो भारत में ऐसी कई जगहें हैं जो आपको हैरान कर देंगी। वहीं, लद्दाख भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लद्दाख में एक ऐसा गांव है जो आजादी के बाद पाकिस्तान का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन बाद में भारत का हिस्सा बन गया। (Photo Source: Turtuk/Facebook)
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इस गांव का नाम है तुरतुक। यह नुब्रा घाटी के लेह जिले में स्थित है। देश की आजादी के बाद यह गांव पाकिस्तान के नियंत्रण में था। फिर भारतीय सेना ने 1971 में इस गांव पर कब्जा कर लिया। 16 दिसंबर 1971 की सुबह इस गांव के लोग भारतीय बन गए थे। (Photo Source: @backpacker.diaries/instagram)
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तुरतुक नाम के इस गांव की खासियत यहां के खूबसूरत नजारे हैं। ये इलाका कराकोरम पहाड़ों से घिरा हुआ है। अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन है तो काराकोरम की पहाड़ियों पर जाएं। (Photo Source: @ladakh_insta_diaries/instagram)
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1971 के बाद लंबे वक्त तक ये गांव दुनिया से कटा रहा था, लेकिन साल 2010 में इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। लद्दाख के अंतिम छोर पर बसा यह गांव अपनी सभ्यता और संस्कृति के कारण भी खास है। (Photo Source: @ladakh_tourism_offical/instagram)
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तुरतुक में बाल्टी संस्कृति के लोग रहते हैं। जिनकी भाषा और संस्कृति अलग है। इस गांव में इंटरनेट और फोन कनेक्टिविटी न के बराबर हैं। लेकिन इस गांव में मौजूद जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों का नजारा बेहद खास है। (Photo Source: @orr_krowitz/instagram)
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देश के एक छोर पर बसे इस गांव के लोगों की जिंदगी बहुत सादी है। यहां के लोग छोटा-मोटा कारोबार करके अपना गुजारा करते हैं। इस गांव में ठहरने के लिए ज्यादा होटल नहीं हैं, लेकिन यहां लोगों के घरों में होमस्टे की सुविधा उपलब्ध है। (Photo Source: @orr_krowitz/instagram)
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सर्दियों में तुरतुक में बहुत ठंड होती है। यहां भारी बर्फबारी होती है। उस दौरान यहां घूमना थोड़ा मुश्किल होता है। तुरतुक जाने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर तक है। (Photo Source: @travelknot.id/instagram)