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भारतवासियों के लिए 26 जनवरी का दिन बेहद खास है। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान तैयार हुआ था। ऐसे में हर साल 26 जनवरी के दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। इस साल भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देश के गौरवपूर्ण इतिहास के प्रतीक राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर कोहिमा तक पूरे देश में खूब हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। (Photo: Indian Express)
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इस मौके पर सेना की तीनों टुकड़ियां परेड करती हैं। भारतीय जल-थल और वायु सेना इस समारोह में हर बार झांकी निकालती हैं हालांकि, इस बार इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर थलसेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग झांकियां नहीं निकाली गईं। इस साल तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी निकाली गईं। (Photo: Indian Express)
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इंडियन आर्मी में कई रेजिमेंट हैं जिसमें से एक रेजिमेंट ऐसी है जिसे अंग्रेजों ने बनाया था। इस रेजिमेंट के बहादुरी के कई किस्से हैं। आज इस रेजिमेंट का नाम सुन दुश्मन थर-थर कांपते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में: (Photo: Indian Express)
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दरअसल, ये कोई और नहीं बल्कि आर्टिलरी रेजिमेंट है जो भारतीय सेना का एक बेहद ही महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। आज इस आर्टिलरी रेजिमेंट के पास दुनिया के एक से बढ़कर एक आधुनिक हथियार हैं। आर्टिलरी रेजिमेंट भारतीय सेना के सभी जमीनी अभियानों के दौरान उसे भारी गोलाबारी प्रदान करती है। (Photo: Indian Express)
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आर्टिलरी रेजिमेंट का काम दुश्मन की सेना को बर्बाद करना होता है और साथ ही अपनी बाकी इन्फेंट्री यूनिट के लिए रास्ता बनना। आर्टिलरी को गॉड ऑफ वॉर के नाम से भी जाना जाता है। (Photo: Indian Express) Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस पर दुनिया देखेगी भारत की ताकत, देखें फुल ड्रेस रिहर्सल की तस्वीरें
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इस रेजिमेंट की शुरुआत ब्रिटिश भारतीय सेना की रॉयल इंडियन आर्टिलरी के रूप में हुई थी जिसे आजादी के बाद इंडियन आर्मी की आर्टिलरी रेजिमेंट नाम दिया गया। (Photo: Indian Express)
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आर्टिलरी रेजिमेंट के हर जवान को गनर्स कहा जाता है। 28 सितंबर 1827 भारतीय आर्टिलरी रेजिमेंट की पहली इकाई (5 बॉम्बे) माउंटेन बैटरी) की गठन किया गया था। इसे उस वक्त बॉम्बे फुट आर्टिलरी की गोलंदाज बटालियन की 8वीं कंपनी के रूप में स्थापित की गई थी। (Photo: Indian Express)
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भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी शाख आर्टिलरी रेजिमेंट को कहा जाता है। इनका काम जमीन पर अभियानों के समय पर सेना को मारक क्षमता देना होता है। आर्टिलरी रेजिमेंट भी दो हिस्सों में बंटा हुआ है। (Photo: Indian Express)
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पहले हिस्से में घातक हथियार जैसे- मिसाइल, रॉकेट्स, मोर्टार, तोप, बंदूक आदि शामिल हैं। (Photo: Indian Express)
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वहीं, दूसरे हिस्से में रडार, सर्विलांस सिस्टम और ड्रोन जैसे हथियार होते हैं। (Photo: Indian Express)
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आर्टिलरी यूनिट्स का हर जवान दशहरा पर अपनी तोपों को सर्वोच्च सम्मान देते हुए उनकी पूजा करते हैं। साथ ही रक्षाबंधन के त्योहार पर यूनिट्स तोपों को रक्षा सूत्र भी बांधते हैं। (Photo: Indian Express) देशभर में फहराया गया तिरंगा, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ भारत ने ऐसे मनाया 76वां गणतंत्र दिवस, देखें तस्वीरें