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2014 के बाद देश में एक बार फिर से लोकसभा चुनाव के नतीजों ने मोदी लहर को साबित किया है। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में अकेले बीजेपी ही 303 सीटें लेकर आई है जबकि एनडीए ने 350 सीटें हासिल की हैं। इस बार भी पार्टी की जीत का श्रेय उन्हें ही जाता है। मोदी लहर की चर्चा देश में ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया में भी सुनने को मिल रही है। लिहाजा इसी बीच पीएम के अलावा एक और चेहरा चर्चा में शुमार हुआ है, जिसकी तुलना पीएम मोदी से की जा रही है। इस शख्स का नाम है प्रताप चंद्र सारंगी, जिनका रहन-सहन लोग पीएम मोदी से मिलता-जुलता बता रहे हैं। सारंगी ने इस साल के चुनाव में शानदार जीत हासिल की है। सारंगी भी बेहद ही साधारण जीवन व्यतीत करते हैं। सांसद रहते हुए भी मिट्टी के घर में रहते हैं। जानिए उनके बारे में और भी बहुत कुछ। (All Pics- @SulagnaDash6)
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बीजेपी की ओर से ओडिशा की बालासुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले प्रताप सारंगी ने बीजेडी के उम्मीदवार को 13 हजार वोटों से हराया है। वहां की जनता सारंगी को 'ओडिशा का मोदी' कहकर संबोधित कर रहे हैं। बालासोर ओडिशा के 21 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जहां से सारंगी को जीत मिली है।
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सारंगी का जन्म नीलगिरी से सटे गोपीनाथपुर गांव के एक गरीब परिवार में 4 जनवरी 1955 में हुआ था। अपने क्षेत्र के फकीर मोहन कॉलेज से सारंगी ने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। मोदी की तरह सारंगी ने भी युवास्था में साधु बनने की ठानी थी। संत बनने के लिए वह तमाम दफा रामकृष्ण मठ भी गए लेकिन बाद में उन्हें साधुओं ने अपनी मां की सेवा करने का सुझाव दिया और वह वापस अपने गांव लौट आए।
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सारंगी की तस्वीरें ट्विटर पर सुलगना डैश नाम के यूजर अकाउंट द्वारा शेयर की गई हैं। तस्वीरों में कुर्ता- पायजामा पहने सारंगी जमीन पर बैठकर अपने कागजात और सामान ठीक करते दिख रहे हैं। तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
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तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
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सुलगना ने सारंगी के बारे में जानकारी दी है, कि बीते साल ही उनकी मां का देहांत हुआ था, अब तक उन्होंने शादी नहीं की। उनके पास न ही धन-दौलत है और न ही आलीशान मकान। वह एक मिट्टी और बांस से निर्मित एक छोटी सी झोपड़ी में रहते हैं।
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सारंगी के पास कोई चारपहिया वाहन है और न ही दोपहिया स्कूटर। वह साइकिल से अपनी आवाजाही करते हैं।
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सारंगी को भले ही मठ में साधु बनने का मौका न मिला हो लेकिन वास्तविकता में वह संत की तरह की जीते हैं।
सारंगी घंटों मेडीटेशन करते हैं और हमेशा लोगों के जन कल्याण के बारे में विचार करते रहते हैं। कभी गुफा में तो कभी पेड़ के नीचे और कभी-कभी वह भारी जल बहाव के बीच भी तपस्या में लीन रहते हैं। -
वह दातों को साफ करने के लिए कोई ब्रांडेड टूथपेस्ट की बजाए नीम की दातौन का प्रयोग करते हैं, तस्वीर में आप देख सकते हैं कि वह कंधे पर नीम के पेड़ की एक डाल लेकर जा रहे हैं।
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सारंगी ने बालासोर और मयूरभंज के आदिवासी इलाकों में तमाम स्कूल बनवाए हैं। उन्हें लोगों को अपार स्नेह मिलता है।
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जानवरों के प्रति सारंगी दया भाव रखते हैं।
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बच्चों से भी उन्हें खास लगाव है।
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पीएम मोदी जब भी ओडिशा जाते हैं सारंगी से जरूर मिलते हैं। वह उनके कार्यों की सराहना भी करते हैं।
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सारंगी की प्रशंसा बाबा रामदेव भी करते हैं।
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उनके क्षेत्र के लोगों में सारंगी के लिए अपार सम्मान है।