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जापान का वह रेलवे स्टेशन जो सिर्फ एक यात्री के लिए सालों तक चलता रहा, जानिए क्यों

Japan’s One-Passenger Train Station: यह कहानी है जापान के होक्काइडो द्वीप पर स्थित क्यू-शिराताकी रेलवे स्टेशन की, जो साल 2016 तक सिर्फ एक हाई स्कूल छात्रा की पढ़ाई पूरी कराने के लिए चालू रखा गया।

By: Archana Keshri
September 15, 2025 19:31 IST
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  • Heartwarming Story of Kyu-Shirataki
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    आज के दौर में जहां ज्यादातर देश लागत बचाने और मुनाफे पर ध्यान देते हैं, वहीं जापान ने इंसानियत और समर्पण की एक अनोखी मिसाल पेश की थी। यह कहानी है होक्काइडो द्वीप पर बने क्यू-शिराताकी स्टेशन (Kyū-Shirataki Station) की, जो साल 2016 तक सिर्फ एक हाई-स्कूल छात्रा की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए चालू रखा गया। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    क्यों बंद नहीं हुआ स्टेशन?
    दरअसल, इस स्टेशन पर यात्रियों की संख्या लगातार कम हो रही थी और मालगाड़ियों की सेवा भी बंद हो चुकी थी। ऐसे में जापान रेलवे (JR Hokkaido) ने इसे बंद करने का फैसला लिया था। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    लेकिन जब अधिकारियों को पता चला कि एक स्टूडेंट काना हराडा रोजाना स्कूल जाने के लिए इसी स्टेशन पर निर्भर है, तो उन्होंने स्टेशन को चालू रखने का निर्णय लिया। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    छात्रा की रोजाना की चुनौती
    काना हराडा के लिए यह स्टेशन लाइफलाइन था, क्योंकि यह स्टेशन उसकी शिक्षा के का सहारा था। अगर यह बंद हो जाता, तो उसे 73 मिनट पैदल चलकर दूसरे एक्सप्रेस स्टेशन तक जाना पड़ता। स्टेशन चालू रहने पर भी उसकी यात्रा आसान नहीं थी, क्योंकि दिन में सिर्फ चार ट्रेनें रुकती थीं और उनमें से केवल दो ही उसके स्कूल के समय से मेल खाती थीं। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    इसका असर यह हुआ कि काना स्कूल की किसी भी अतिरिक्त गतिविधि में हिस्सा नहीं ले पाती थी। कई बार तो उसे क्लास खत्म होते ही दौड़ लगानी पड़ती थी ताकि आखिरी ट्रेन न छूट जाए। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    अंत कब और क्यों हुआ?
    मार्च 2016 में काना के ग्रेजुएट होते ही और शैक्षणिक वर्ष खत्म होने पर यह स्टेशन हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। हालांकि आर्थिक दृष्टि से स्टेशन का बंद होना पहले से तय था, लेकिन इसे तब तक टाला गया जब तक काना की पढ़ाई पूरी नहीं हो गई। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    दुनिया के लिए सीख
    यह कहानी सिर्फ एक रेलवे स्टेशन की नहीं, बल्कि इस बात की है कि जब किसी सुविधा को मुनाफे के बजाय लोगों की जरूरतों के लिए जीवित रखा जाता है, तो यह समाज के असली मूल्यों को उजागर करता है। जापान का यह कदम दुनिया भर में चर्चा का विषय बना और इसे शिक्षा के प्रति समर्पण और मानवीयता का शानदार उदाहरण माना गया। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    इतिहास और विरासत
    क्यू-शिराताकी स्टेशन 11 फरवरी 1947 को खोला गया था। जापान रेलवे के निजीकरण (1987) के बाद यह JR Hokkaido के अंतर्गत आ गया। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)

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    जुलाई 2015 में ऑफिशियल तौर पर घोषणा हुई कि स्टेशन को मार्च 2016 में बंद कर दिया जाएगा। आखिरकार 25 मार्च 2016 को इसकी सेवाएं बंद कर दी गईं और उसी साल अक्टूबर में स्टेशन स्ट्रकचर भी हटा दी गई। (Photo Source: Kyū-Shirataki Station/Facebook)
    (यह भी पढ़ें: दुनिया का अनोखा होटल, जहां दीवारों से लेकर बिस्तर तक सब बर्फ का बना है और हर साल पिघल जाता है)

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