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भारत में इस वक्त स्ट्रीट डॉग्स को लेकर कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हैं तो कुछ ने इसका स्वागत किया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने का आदेश दिया था। (Photo: Freepik)
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सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला बढ़ते डॉग-बाइट के मामलों को देखते हुए लिया है। दिल्ली-एनसीआर में डॉग-बाइट के मामले लगातार बढ़ रहे है। हर महीने दो हजार से अधिक घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। दिल्ली-एनसीआर में 10 लाख से भी अधिक आवारा कुत्तों का अनुमान है। (Photo: Pexels)
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इस बीच आइए जानते हैं दुनिया का वो कौन सा देश है जहां आवारा कुत्ते न के बराबर हैं। इस देश में डॉग्स की आबादी को बिना उन्हें मारे और बिना उनके साथ अमानवीय व्यवहार किए कंट्रोल किया गया। (Photo: Pexels)
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दरअसल, ये कोई और नहीं बल्कि नीदरलैंड है जो कभी आवारा कुत्तों और रेबीज के मामलों से जूझ चुका है। लेकिन वर्तमान समय में नीदरलैंड की सड़कों एक भी आवारा कुत्ते नजर नहीं आएंगे। (Photo: Pexels)
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नीदरलैंड में लोग 19वीं सदी में रेबीज के मामले तेजी से बढ़ने लगे और ये बीमारी महामारी की तरह फैल गई। उस दौरान कुत्तों को समृद्धि और शान का प्रतीक माना जाता है। साथ ही लोग अपने घरों में कुत्ते को पालना पसंद करते थे। (Photo: Pexels)
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रेबीज के मामले जब फैलने लगे तो लोग डर गए और अपने पालतू कुत्तों को बड़ी संख्या में घर से हटाकर सड़कों पर छोड़ना शुरू कर दिया। शुरुआत में कुत्तों को मारा भी गया लेकिन इससे समस्या हल नहीं हुआ। (Photo: Pexels)
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इसके बाद नीदरलैंड सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पालतू कुत्तों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया। साथ ही बाहर से खरीदे गए कुत्तों पर भारी टैक्स लगा दिया ताकि लोग शेल्टर होम से कुत्तों को गोद ले सकें। (Photo: Pexels)
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अभियान: नीदरलैंड सरकार ने CNVR (Collect, Neuter, Vaccinate and Return) नामक एक बड़ा अभियान चलाया। जिसके तहत कुत्तों को पकड़ना, उनकी नसबंदी करना, रेबीज जैसे रोगों के लिए टीका लगाना और फिर उन्हें वापस छोड़ दिया गया। (Photo: Pexels)
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कानून और जुर्माना: इसके बाद नीदरलैंड सरकार ने जानवरों के प्रति क्रूरता और उन्हें छोड़ने पर सख्त कानून बनाया। इसका उल्लंघन करने वालों को भारी जुर्माना के साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है। इसके साथ ही एक विशेष पशु पुलिस बल भी बनाया गया है। (Photo: Pexels)
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धीरे-धीरे नीदरलैंड के शेल्टर होम और सड़कों से आवारा कुत्तों की संख्या घटने लगी और मौजूदा समय में वहां पर स्ट्रीट डॉग्स की संख्या न के बराबर है। (Photo: Pexels)
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नीदरलैंड सरकार ने मीडिया और स्कूलों के जरिए पशु कल्याण के संदेश फैलाया और बताया गया है कि लोग पेट शॉप की बजाय शेल्टर होम से जानवरों को गोद लें। धीरे-धीरे नीदरलैंड के शेल्टर होम और सड़कों से आवारा कुत्तों की संख्या घटने लगी और मौजूदा समय में वहां पर स्ट्रीट डॉग्स की संख्या न के बराबर है। (Photo: Pexels) कुत्ता काटने पर क्या करें और क्या नहीं? कितनी देर में लगवा लेना चाहिए रेबीज का इंजेक्शन