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Sushma Swaraj passes away: बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार (6 अगस्त, 2019) को निधन हो गया। हार्ट अटैक के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके निधन के बाद भारतीय राजनीति के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया है। पीएम मोदी ने सुषमा स्वराज को करोड़ों लोगों का प्रेरणास्रोत बताया। नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में विदेश मंत्री के तौर पर उन्होंने विदेशों में भारत के नागरिकों को तेजी से मदद और राहत उपलब्ध कराई। कुछ समय से उनकी तबीयत खराब थी, जिसके चलते उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। 10 दिसंबर 2016 को एम्स में उनकी किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया था। सुषमा स्वराज ने देश को तमाम तरह की सेवाएं दी हैं। वह सिर्फ न एक अच्छी राजनेता थीं बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी दीं। आइए डालते हैं सुषमा स्वराज की जिंदगी के सफर पर एक नजर। (All Photos- Facebook/PTI)
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सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था। उनके पिता हरदेव शर्मा RSS के सदस्य थे, जिनके सानिध्य में सुषमा ने राजनीति के गुर सीखे। सुषमा ने अंबाला के Sanatan Dharma College से राजनीति शास्त्र और संस्कृत में स्नातक की डिग्री ली।
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स्नातक की डिग्री लेने के बाद वह अपने नाना-नानी के पास चंडीगढ़ चली गई थीं। यहां उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। पढ़ाई के दिनों में उन्होंने स्टेट लेवल पर हिंदी की बेस्ट स्पीकर का अवॉर्ड जीता था।
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चंडीगढ़ से लॉ की पढ़ाई के दौरान सुषमा की मुलाकात स्वराज कौशल से हुई थी और कुछ ही दिनों में दोनों की गहरी दोस्ती हो गई थी। बाद में दोनों ने दिल्ली आकर सुप्रीम कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस भी साथ की। 1973 में वह सुप्रीम कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस करती थीं लेकिन बाद में राजनीति में सक्रिय हो गईं थीं।
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सुषमा के पति अब भी सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील हैं। सुषमा स्वराज के पति मिजोरम के राज्यपाल रहे हैं। वह 1999 से 2004 तक सांसद भी रहे।
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सुषमा स्वराज न सिर्फ अपनी पार्टी के बीच, बल्कि विपक्षी नेताओं की भी पसंदीदा नेता थीं। वह सबसे कम उम्र में किसी प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बनने वाली पहली नेता रही थीं।
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वह 25 साल की उम्र में हरियाणा की कैबिनेट मंत्री बन गई थीं। वह 7 बार सांसद और 3 बार विधायक का चुनाव जीती थीं।
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BJP में पहली महिला प्रवक्ता होने का श्रेय भी सुषमा को जाता है।
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विदेश मंत्री के अलावा वह भाजपा की ओर से दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का पदभार भी संभाल चुकी थीं।
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सुषमा ने 13 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली के सीएम पद का कार्यभार संभाला था।
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स्वराज पूर्व प्रधानमंत्री स्वराज इंदिरा गांधी के बाद भारत की दूसरी महिला विदेश मंत्री थीं।
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1990 में सुषमा पहली बार सांसद बनीं थी और करीब 6 साल तक राज्यसभा में रही थीं। इसके बाद 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री का कार्यभार संभाला था।