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कंस्ट्रक्शन साइट्स पर अक्सर देखा जाने वाला बुलडोजर, जो मलबा हटाने और भूमि को समतल करने के काम आता है, अब राजनीति से लेकर समाजिक चर्चाओं में भी अपनी खास पहचान बना चुका है। भारत में जहां इसे आमतौर पर ‘JCB’ के नाम से पहचाना जाता है, वहीं इसके पीछे एक दिलचस्प विदेशी कनेक्शन छिपा हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस मशीन का असली नाम क्या है? आइए जानते हैं इसके इतिहास और भारत में इसके आने की कहानी। (Photo Source: Pexels)
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आपको बता दें इस मशीन का नाम बैकहो लोडर (Backhoe Loader) है और यह एक ब्रिटिश कंपनी की देन है? JCB की शुरुआत 1945 में ब्रिटेन में हुई थी। इसके संस्थापक जोसेफ सिरिल बैमफोर्ड थे, जिनके नाम पर इस कंपनी का नाम रखा गया है। (Photo Source: Pexels)
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उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत एक छोटे से गैरेज से की, जहां वे कृषि उपकरण और ट्रेलर बनाते थे। धीरे-धीरे उनकी बनाई हुई मशीनों की क्वालिटी और उपयोगिता ने कंपनी को एक प्रमुख निर्माता के रूप में स्थापित किया। (Photo Source: Pexels)
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1950 के दशक में JCB ने खुदाई और निर्माण कार्यों के लिए उपयोग होने वाली मशीनों का निर्माण करना शुरू किया। 1953 में कंपनी ने दुनिया का पहला बैकहो लोडर (बुलडोजर) पेश किया, जिसका नाम था JCB Mk 1 Excavator। (Photo Source: Pexels)
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यह मशीन लोडिंग और खुदाई दोनों काम कर सकती थी और बहुत जल्दी लोकप्रिय हो गई, जिससे JCB को पहचान मिल गई। भारत में JCB का प्रवेश 1979 में हुआ। कंपनी ने यहां एक जॉइंट वेंचर के रूप में अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की। (Photo Source: Pexels)
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यह यूनिट ‘जेसीबी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से संचालित होती है, जिसमें ब्रिटेन की JC बैमफोर्ड एक्सकेवेटर्स का पूर्ण स्वामित्व है। भारत में JCB की शुरुआत के बाद से ही इसने अपने उत्पादों को स्थानीय बाजार में भी प्रस्तुत किया और जल्द ही भारतीय कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री का अहम हिस्सा बन गई। (Photo Source: Pexels)
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भारत में JCB को आमतौर पर बुलडोजर के रूप में पहचाना जाता है, हालांकि बुलडोजर एक मशीन का प्रकार है, और JCB एक कंपनी का नाम है। इस नाम की इतनी ब्रांडिंग हो चुकी है कि अब लोग अक्सर बुलडोजर और JCB को एक ही समझने लगे हैं। (Photo Source: Pexels)
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जेसीबी इंडिया के प्लांट्स भारत में प्रमुख निर्माण और खनन कार्यों में लगे इंडस्ट्रीज को मॉर्डन इकविपमेंट की सप्लाई करते हैं। इसके प्रोडक्ट अब भारतीय सड़क निर्माण, खनन, बुनियादी ढांचे और कृषि क्षेत्र में अनिवार्य बन चुके हैं। वहीं, आज JCB दुनिया के 125 से अधिक देशों में अपने प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट करता है। (Photo Source: Pexels)
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