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बीयर दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली ड्रिंक्स में से एक है। इसके विभिन्न ब्रांड्स और फ्लेवर्स तो चर्चा में रहते ही हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बीयर की बोतलें ज्यादातर हरे या भूरे रंग की ही क्यों होती हैं? आखिरकार, बोतल का रंग काला, नीला या सफेद क्यों नहीं होता? इसका जवाब न केवल दिलचस्प है, बल्कि इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। (Photo Source: Pexels)
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बीयर का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल प्राचीन मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं में भी होता था। उस समय बीयर को पारदर्शी (ट्रांसपेरेंट) बोतलों में पैक किया जाता था। (Photo Source: Pexels)
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लेकिन जल्द ही निर्माताओं ने पाया कि सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें (UV Rays) बीयर में मौजूद एसिड पर प्रतिक्रिया कर रही थीं। इसके कारण बीयर में बदबू आने लगी और इसका स्वाद भी खराब हो गया। (Photo Source: Pexels)
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इस समस्या को हल करने के लिए बीयर निर्माताओं ने भूरे रंग की बोतलों का उपयोग करना शुरू किया। भूरे रंग की बोतलें सूरज की किरणों को ब्लॉक करने में सक्षम थीं। (Photo Source: Pexels)
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इस रंग की बोतल में बीयर लंबे समय तक ताजा और स्वादिष्ट बनी रहती थी। यह भूरे रंग की बोतलें बीयर को UV Rays के प्रभाव से बचाती थीं, जिससे बीयर का स्वाद और गुणवत्ता बरकरार रहती थी। (Photo Source: Pexels)
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हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भूरे रंग की बोतलों की कमी हो गई थी। ऐसे में बीयर निर्माताओं को एक नया विकल्प तलाशना पड़ा। उन्होंने हरे रंग की बोतलों का इस्तेमाल करना शुरू किया। (Photo Source: Pexels)
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हरा रंग भी UV किरणों से बचाव करता है, हालांकि यह भूरे रंग जितना प्रभावी नहीं है। फिर भी, यह बीयर को काफी हद तक खराब होने से बचा लेता है। (Photo Source: Pexels)
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भूरे और हरे रंग की बोतलें बीयर इंडस्ट्री में एक मानक बन चुकी हैं। हालांकि आज के समय में प्लास्टिक और एल्यूमीनियम के कैन में भी बीयर उपलब्ध है, लेकिन क्लासिक लुक और वैज्ञानिक कारणों के चलते हरे और भूरे रंग की बोतलें अब भी लोकप्रिय हैं। (Photo Source: Pexels)
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अब आप भी समझ गए होंगे कि भूरे और हरे रंग की बोतलें अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित करने में सक्षम होती हैं। इससे बीयर में कोई केमिकल चेंज नहीं होता और इसका स्वाद और खुशबू लंबे समय तक बरकरार रहती है। यही कारण है कि न केवल बीयर बल्कि अन्य केमिकल और मेडिकल सब्सटेंस, जैसे क्लोरोफॉर्म, को भी भूरे रंग की शीशियों में रखा जाता है। (Photo Source: Pexels)
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