हिंदी सिनेमा के एक दौर में दीपिका चिखलिया के अभिनय को काफी सराहा जाता था। आज भी लोग अगर उनके अभिनय की पुरानी रामायण देखते हैं तो वे टीवी का कोई दूसरा चैनल नहीं बदलते। उस दौर में अगर टेलीविजन के इतिहास में जब भी किसी खास टीवी सीरीज की बात की जाती है तो रामानंद सागर की रामायण हर किसी की जुवान पर होती थी।1987 में टीवी पर प्रसारित होने वाले रामानंद सागर के शो ‘रामायण’ में उस दौरान हर एक किरदार हिट रहा। रामायण में दीपिका ने महज 15 साल की उम्र में सीता किरदार निभाया था। आज हम आपको आपकी फेवरेट सीता यानी दीपिका चिखलिया के बारे में बता रहे हैं। अब वे दीपिका टोपीवाला के नाम से पहचानी जाती हैं। दीपिका न सिर्फ एक एक्ट्रेस बल्कि वे एक पॉलिटीशियन भी रह चुकी हैं। जी हां, वे सांसद भी रही हैं। उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 1991 में वडोदरा से लोकसभा चुनाव जीता था। दीपिका अब 52 साल की हो चुकी हैं। लिहाजा वे पूरी तरह से चेंज हो चुकी हैं। -
रामायण में सीता का किरदार निभाने वालीं दीपिका चिखलिया इसके बाद शाद दोबारा टेलीविजन पर एक्टिंग करते हुए नजर ही नहीं आई। हालांकि उन्हें इस दौरान कई फिल्मों में काम करते देखा गया। लेकिन रामायण के बाद वह छोटे पर्दे पर दोबारा कहीं नज़र नहीं आईं।
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दीपिका ने हेमंत टोपीवाला से शादी की, जो श्रृंगार बिंदी और टिप्स एंड टोज नेलपॉलिश के ओनर हैं।
दीपिका और हेमंत की दो बेटियां हैं निधि टोपीवाला और जूही टोपीवाला। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दीपिका ने शादी के बाद अपना सरनेम चेंज कर लिया है और अब वे हसबैंड की कंपनी की मार्केटिंग टीम की हेड हैं। उन्होंने अपने करिअर में वे 'भगवान दादा' (1986), 'रात के अंधेर में' (1987), 'खुदाई' (1994), 'सुन मेरी लैला' (1985), 'चीख' (1986), 'आशा ओ भालोबाशा' (बंगाली, 1989) और 'नांगल' (तमिल, 1992) में बतौर एक्ट्रेस नजर आईं। इनमें से ज्यादातर फिल्में बी-ग्रेड थीं।
