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सनातन धर्म में राधा अष्टमी के पर्व का बेहद ही खास महत्व है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय सखी राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं व्रत के नियम क्या हैं और श्रीजी को भोग में क्या चढ़ाना चाहिए। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) प्रेमानंद महाराज से जानें काम छोड़कर भक्ति करना सही या गलत?
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निमय
1- राधा अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर साफ कपड़े पहन कर व्रत और पूजा का संकल्प लें। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) -
2- राधा अष्टमी व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना चाहिए। न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी संयमित और शुद्ध रहना आवश्यक है। (Photo: Pexels)
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3- पूजा के बाद राधा अष्टमी व्रत की कथा का पाठ या फिर श्रवण करना चाहिए। (Photo: Pexels) नदी में पैसा फेंकना सही या गलत? प्रेमानंद महाराज ने बताया इसके बदले क्या करें
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4– व्रत खोलने से पहले गौ सेवा बहुत ही शुभ मानी जाती है। इससे पुण्य बढ़ता है। वहीं, जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र का दान करना चाहिए। (Photo: Pexels)
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5- राधा अष्टमी का व्रत शुभ मुहूर्त में ही पारण करना चाहिए। मान्यता है कि इससे पूजा का फल पूर्ण रूप से प्राप्त होता है। (Photo: Pexels)
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6- व्रत खोलते समय सबसे पहले पूजा में राधा रानी को भोग लगाए हुए प्रसाद को ही ग्रहण करना चाहिए। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB)
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भोग लगाते वक्त न करें ये गलती
राधा रानी को जो भी भोग अर्पित कर रहे हैं वह पूरी तरह से शुद्ध और बिना किसी के स्पर्श के होना चाहिए। भोग बनाने के बाद उसे चखना भी नहीं चाहिए। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) -
इन चीजों का लगाएं भोग
राधा अष्टमी के दिन राधा रानी को मालपुए का भोग लगाने की मान्यता है। इसके साथ ही रबड़ी और फल भी अर्पित कर सकते हैं। (Photo: Pexels) -
भोग मंत्र
वहीं, भोग लगाने के दौरान ‘त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि इस मंत्र के बिना राधा रानी भोग को स्वीकार नहीं करती हैं। (Photo: @PremanandJi Maharaj/FB) प्रेमानंद महाराज ने बताया भगवान से मन्नत मांगने का सही तरीका, ऐसे लोगों को लगाई डांट