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सिनेमा के लीजेंड और अकबर के रोल को अमर करने वाले पृथ्वीराज कपूर की बर्थ एनिवर्सरी पर पढ़िए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें। बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक कलाकार देने वाले पृथ्वीराज कपूर के पिता एक पुलिस इंस्पेक्टर थे।
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पृथ्वीराज कपूर ने वकील बनने के लिए एडवार्ड कॉलेज के एक साल के लॉ प्रोग्राम कोर्स में एडमिशन लिया था।
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कॉलेज प्रोग्राम्स में परफॉर्मेंस के दौरान पृथ्वीराज के इस टैलेंट को नोटिस किया गया था।
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शम्मी कपूर बताते हैं कि कॉलेज के प्रोफेसर जय ने उनके टैलेंट को संवारने में बहुत मदद की थी। प्रोफेसर एक इंग्लिश महिला नोरा रिचर्ड को पसंद करते थे। वह थिएटर में काफी एक्टिव थीं। उन्हें खासकर शेक्सपीयर और इब्सेन के प्ले पसंद थे। पृथ्वीराज इस कपल के फेवरेट से बन गए थे। उन्होंने अपने कई प्ले में कपूर को मौका दिया। यहां से उनकी थिएटर आर्ट की नीव पड़ी।
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एक साल लॉ की पढ़ाई करने के बाद पृथ्वीराज कपूर ने बीए किया। लेकिन अब तक उनका मन पूरी तरह थिएटर में लग चुका था।
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1928 में पृथ्वीराज कपूर अपने रिश्तेदार से पैसे लेकर मुंबई शिफ्ट हो गए।
अपनी पहली फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने बतौर एक्सट्रा आर्टिस्ट काम किया था। 9 साइलेंट फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने भारत की पहली बोलने वाली फिल्म आलम आरा में काम किया था।
