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इस पावन अवसर पर 25 से 30 मार्च तक विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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संत प्रेमानंद जी महाराज का 56वां जन्मोत्सव वृंदावन में बेहद धूमधाम से मनाया गया। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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देशभर से दो लाख से अधिक भक्तों ने इस भव्य आयोजन में हिस्सा लिया और महाराज जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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मथुरा के वृंदावन स्थित उनके आश्रम राधाकेलीकुंज को दिव्य रोशनी और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया, जिससे पूरे आश्रम का वातावरण भक्तिमय हो गया। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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जन्मदिन पर विशेष आयोजन
जानकारी के अनुसार, प्रेमानंद महाराज का जन्म 30 मार्च 1969 को हुआ था, लेकिन वे अपना जन्मदिन अपने गुरुमंत्र प्राप्ति दिवस के रूप में मनाते हैं। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter) -
इस खास मौके पर संकीर्तन, सत्संग, मंगला आरती, श्री जी की झूला दर्शन और श्रीहित चतुरासी जी पाठ जैसे कई धार्मिक अनुष्ठान किए गए। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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गुरुमंत्र दिवस को जन्मदिन मानते हैं महाराज
महाराज जी ने इस अवसर पर कहा कि, “यह जन्मदिन मेरे पार्थिव शरीर का नहीं, बल्कि गुरुप्रदत्त शरीर का है। जिस दिन गुरुदेव ने सहचरि भाव का अंकुरण किया, वही मेरा असली जन्मदिन है।” (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter) -
भक्ति और श्रद्धा से सराबोर आयोजन
इस भव्य आयोजन में प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए, जिनमें संकीर्तन, सत्संग, मंगला आरती, श्री जी की झूला झांकी, श्रीहित चतुरासी जी पाठ आदि शामिल थे। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter) -
हर दिन हजारों श्रद्धालु इन कार्यक्रमों में भाग लेकर आध्यात्मिक सुख की अनुभूति कर रहे थे। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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महाराज के आश्रम को दुल्हन की तरह सजाया गया था। रंग-बिरंगी लाइटों से न केवल आश्रम बल्कि उसके बगीचे और हर प्रवेश द्वार को भी सुसज्जित किया गया। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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जगह-जगह फूलों की रंगोलियां बनाई गईं और सुंदर कलशों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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इस मौके पर बच्चों ने राधा व कृष्ण सहित अन्य देवी-देवताओं की आकर्षक झांकियां भी निकाली। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
इस विशेष अवसर पर पूरे भारत से भक्त वृंदावन पहुंचे। जम्मू, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से आए भक्तों का उत्साह देखने लायक था। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter) -
हजारों श्रद्धालु संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन हेतु पंक्तिबद्ध थे और देर रात से ही अपने स्थान सुरक्षित कर रहे थे। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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पदयात्रा: श्रद्धा और भक्ति का संगम
रात 2 बजे संत प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन के श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से अपनी पदयात्रा आरंभ की। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter) -
यह दो किलोमीटर लंबी यात्रा अत्यंत भव्य थी, जिसमें ऊंट और घोड़े भी शामिल किए गए। भक्त राधा नाम का संकीर्तन करते हुए इस धार्मिक यात्रा का हिस्सा बने। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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पदयात्रा मार्ग को 10 क्विंटल से अधिक गेंदे और गुलाब के फूलों से सजाया गया था, और जगह-जगह आतिशबाजी की गई। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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इस दौरान महिलाएं सिर पर कलश रखकर पदयात्रा में शामिल हुईं और विभिन्न राज्यों के वाद्य यंत्रों की ध्वनियां पूरे वातावरण में भक्तिरस घोल रही थीं। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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भक्तों ने पॉलीथिन ओढ़कर पूरी रात महाराज के दर्शन के लिए अपनी जगह बनाई। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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भक्ति और श्रद्धा का अनुपम संगम
इस पूरे आयोजन में प्रेमानंद महाराज के भक्तों का अपार प्रेम और श्रद्धा देखने को मिली। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter) -
हर कोई इस पावन अवसर पर महाराज के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु आतुर था। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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भव्य साज-सज्जा, भक्ति-भावना और हजारों भक्तों की उपस्थिति ने इस जन्मोत्सव को एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया। (Photo Source: @RadhaKeliKunj/twitter)
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