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इंटरनेट पर कुछ तस्वीरें इस समय जमकर शेयर की जा रही हैं। टि्वटर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये तस्वीरें महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल की हैं। वायरल हो रही तस्वीरों में भुजबल बेहद कमजोर और व्हीलचेयर पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। भुजबल इन दिनों जेल में हैं और उन पर 800 करोड़ के घोटाले का आरोप है।
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सोशल मीडिया पर ये तस्वीरें सबसे पहले किसने डालीं, यह नहीं कहा जा सकता है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि तस्वीर उस वक्त क्लिक की गईं, जब भुजबल को सीटी स्कैन के लिए सेंट जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया।
68 साल के भुजबल को उपमुख्यमंत्री को बीती 18 अप्रैल को सेंट जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि जेल में रहने के दौरान भुजबल का वजन 10 किलो से ज्यादा घट गया है। एनसीपी नेता छगन भुजबल कभी सब्जी बेचा करते थे, आज उन पर 800 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप है। 69 वर्षीय भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें 14 मार्च को गिरफ्तार किया था। भुजबल और उनके भाई-बहन नासिक के बगवनपुरा की गलियों में बड़े हुए। (Express archive photo) -
भुजबल के माता-पिता की मौत उस वक्त हो गई थी, जब वह दो साल के थे। एक इंटरव्यू में उन दिनों के बारे में भुजबल बताते हैं कि मुझे और मेरे भाई-बहनों को मेरी मां की चाची जानकीबाई ने पाला था, जिन्हें हम लोग दादी कहते थे। रोज सुबह छगन और उनके बड़े भाई मगन अंजिरवाड़ी से भायखला सब्जी मंडी पैदल जाते थे। (Express archive photo)
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भुजबल के माता-पिता की मौत उस वक्त हो गई थी, जब वह दो साल के थे। एक इंटरव्यू में उन दिनों के बारे में भुजबल बताते हैं कि मुझे और मेरे भाई-बहनों को मेरी मां की चाची जानकीबाई ने पाला था, जिन्हें हम लोग दादी कहते थे। रोज सुबह छगन और उनके बड़े भाई मगन अंजिरवाड़ी से भायखला सब्जी मंडी पैदल जाते थे। (Express archive photo)
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छगन भुजबल मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की रैली में शामिल हुए थे। उस दिन वह बाला साहेब से बेहद प्रभावित हुए और शिवसेना ज्वॉइन कर ली। 1973 में ठाकरे ने उनकी बीएमसी पार्षद बनने में मदद की। उसके बाद वह दो बार मेयर भी रहे। (Express archive photo)
भुजबल 1985 में मझगांव से शिवसेना विधायक बने और दो बार जीते। लेकिन बाद में शिवसेना में रहते हुए उन्हें चीजें कुछ अपने मुताबिक नहीं लग रही थीं। 1991 में मंडल आंदोलन चरम पर था और भुजबल ने यह कहते हुए कि पार्टी छोड़ दी कि शिवसेना ओबीसी आरक्षण के खिलाफ है। इसके बाद उन्होंने खुद को बतौर ओबीसी नेता पेश किया। (Express archive photo) -
शिव सेना छोड़ने के बाद भुजबल कांग्रेस ज्वाइन कर ली। उन्होंने 10 दिन नागपुर में गुजारे थे, उन्हें डर था कि कहीं शिवसेना उन पर हमला न कर दे। (Express archive photo)
शरद पवार ने जब कांग्रेस छोड़कर एनसीपी का गठन कर लिया, तब छगन उनके साथ जुड़ गए। उसी साल कांग्रेस-एसीपी गठबंधन की सरकार बनी और भुजबल को डिप्टी सीएम बनाया गया, इसके साथ ही उनके पास गृह मंत्रालय भी था। एक समय ऐसा भी आया, जब उन्होंने बाल ठाकरे को गिरफ्तारी को मंजूरी दी। (Express archive photo) -
बाल ठाकरे पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में भड़काऊ लेख लिखने का आरोप था। गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही ठाकरे को जमानत पर रिहा कर दिया गया। लेकिन तब तक ठाकरे परिवार ने भुजबल के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी। (Express archive photo)