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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसी भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आखिरकार सकुशल वापस लौट आए हैं। (Photo: International Space Station/FB)
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दोनों की धरती पर वापसी 9 महीने बाद हुई है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से फ्लोरिडा के पास समंदर में उतरे। (Photo: International Space Station/FB)
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धरती पर लौटने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। 45 दिनों तक दोनों को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में रखा जाएगा जहां उनकी सेहत पर निगरानी रखी जाएगी। (Photo: International Space Station/FB)
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अतंरक्षि में लंबे समय तक रहने के कारण हड्डियों व मांसपेशियों पर असर पड़ता है। चलने, देखने, मुड़ने किसी बात का जवाब देने में वक्त लगता है। (Photo: International Space Station/FB)
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स्पेस एनीमिया
पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण पूरे शरीर में रक्त और तरल पदार्थों के वितरण को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण खिंचाव नहीं होता है जिससे शरीर के तरल पदार्थ सिर की ओर यानी ऊपर की ओर बढ़ने लगते हैं। इस बदलाव के चलते रक्त की मात्रा और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रभावित करता है। (Photo: International Space Station/FB) -
बेबी फीट
की समस्या अंतरिक्ष यात्रियों में बेबी फीट की समस्या आम है। इसमें तलवे की मोटी चमड़ी हट जाती है वहां पर किसी नवजात शिशु की तरह कोमल त्वचा आ जाती है। (Photo: International Space Station/FB) नौ महीने तक क्या खाकर स्पेस में जिंदा रहीं सुनीता विलियम्स? कैसे पकाती थी भोजन -
ऐसे में जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर वापस लौटते हैं तो उन्हें चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। इसके लिए पैरों की मालिश, मांसपेशियों और त्वचा को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज करना होता है। (Photo: International Space Station/FB)
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बोलने में परेशानी
लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने पर हड्डियों के घनत्व में अपूरणीय कमी देखने को मिलती है। ऐसे में वजन सहन करने वाली हड्डियां लगभग एक प्रतिशत कम घनी गो जाती हैं। जिसका असर जुबान व होठों पर भी पड़ता है। ऐसे में कुछ दिनों तक ठीक तरह से बोलने में परेशानी हो सकती है। (Photo: International Space Station/FB) -
अंतरिक्ष की किरणों से होने वाली परेशानी
अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट को हानिकारक किरणों के संपर्क में आने का खतरा कहीं ज्यादा रहता है। लंबे समय तक इनके संपर्क में रहने से कैंसर और अन्य आनुवंशिक विकारों को खतरा बढ़ जाता है। अंतरिक्ष ब्रह्मांडीय किरणें शरीर में प्रवेश करने पर सेलुलर डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती हैं। (Photo: International Space Station/FB) -
पीठ दर्द
अंतरिक्ष में रहने के दौरान रीढ़ की हड्डी बढ़ने लगती है जिसके चलते पृथ्वी पर वापस आने पर पीठ में दर्द की शिकायत रहती है। हालांकि, कुछ समय के बाद ये सही हो जाती है लेकिन काफी सावधानी बरतनी होती है। (Photo: International Space Station/FB) -
हार्ट
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध रक्त पंप करने के लिए पृथ्वी की तरह ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती जिसके चलते हार्ट में संरचनात्मक परिवर्तन होने लगता है। ऐसे में पृथ्वी पर लौटने पर हार्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। (Photo: International Space Station/FB) सुनीता विलियम्स की फैमिली में कौन-कौन है, क्या करते हैं उनके पति?