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पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी हमले हों या रक्षा उपकरणों की सफल खरीद, भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजनीति में महिला सशक्तिकरण की नयी परिभाषा गढ़ी है और वह मोदी सरकार की सबसे ओजस्वी, कार्यकुशल और साहसी केंद्रीय मंत्रियों में से एक हैं। इंदिरा गांधी के बाद सीतारण ने दूसरी रक्षामंत्री के तौर पर काम किया और अब उन्हें वित्त बनाया गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सीतारमण से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 और फिर 1980-1982 में प्रधानमंत्री रहते हुए रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। सीतारमण के रक्षामंत्री रहते ही भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तेरह दिन के भीतर पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया जिसमें कई आतंकवादी मारे गए। इजराइल और अमेरिका के साथ रक्षा सौदों में सीतारमण की भूमिका अहम रही। यहां हम आपको निर्मला सीतारमण के बारे में तमाम बातें बता रहे हैं। (All Pics- PTI/Facebook of Nirmala Sitharaman)
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सीतारमण ने तमिलनाड़ू के तिरुचिरपल्ली के सीतालक्ष्मी रामस्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की और इसके बाद उन्हंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में एम.फिल की डिग्री हासिल की है।
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अपने कॉलेज के दिनों में सीतारमण ने कई जगहों पर नौकरी की है। शादी के बाद वह लंदन शिफ्ट हो गई थीं, जहां पर पति संग वह होम डेकोर की दुकान पर सेल्स गर्ल का काम करती थीं। कुछ समय बाद सीतारमण लंदन के कृषि इंजीनियर्स एसोसिएशन से जुड़ गई थीं। कुछ वक्त बीतने के बाद निर्मला सीतारण लंदन स्थित प्राइस वॉटरहाउस नाम की कंपनी में सीनियर मैनेजर के रूप में काम करने लगीं और बाद में उन्होंने बीबीसी के साथ भी काम किया। लंदन में तमाम तरह की नौकरियां करने के बाद सीतारमण वापस भारत आईं और हैदराबाद में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी में डेप्युटी डायरेक्टर के रूप में काम करने लगीं। लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उन्होंने खुद भी कहीं नहीं सोचा था कि वह एक दिन देश की केंद्रीय मंत्री बनेंगी। रक्षामंत्री के बाद अब उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है।
छोटे पर्दे पर होने वाली बहसों में धीर गंभीर हो कर अपनी बात रखने वाली सीतारमण सवालों का बेहद संतुलित जवाब देती हैं। उनका विवाह आंध्रप्रदेश के एक परिवार में हुआ। दिलचस्प बात यह है कि निर्मला के ससुराल वालों का जुड़ाव कांग्रेस के साथ रहा जबकि खुद निर्मला भाजपा से जुड़ीं। -
रक्षा मंत्रालय संभालने से पहले सीतारण 2014 में उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था। यह प्रभार संभालने से पहले वह सुषमा स्वराज के बाद पार्टी की दूसरी महिला प्रवक्ता रहीं।
कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य सीतारमण 2008 में भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्हें 2014 में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में कनिष्ठ मंत्री के तौर पर जगह दी गई थी। इसके अलावा वह 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। उन्हें तीन सितंबर 2017 को नरेंद्र मोदी की सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया था। तमिलनाडु के मदुरै में 18 अगस्त 1959 में जन्मीं सीतारमण को ऐसे नाजुक समय में रक्षा मंत्री बनाया गया था जब 2019 के आम चुनावों में दो साल से भी कम का समय बच गया था और जब उनके सामने रक्षा सुधारों एवं संरचनात्मक कमियों को दूर करने की चुनौती थी। उन्होंने 14 लाख सैन्यर्किमयों की तादाद वाले विश्व के तीसरे सबसे बड़े सैन्य बल की कमान संभाली। उन्होंने पद संभालने के बाद महिलाओं को वे भूमिकाएं देने के मामले पर गौर करने की बात भी कही थी जो अब तक बस पुरुषों के लिए सीमित थीं। भाजपा प्रवक्ता के तौर पर शालीनता से टीवी बहसों में पार्टी का पक्ष रखने वाली दक्षिण भारतीय सीतारमण उत्तर भारत में भी लोकप्रिय चेहरा रहीं। वह एक बेबाक प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर राफेल मामले पर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए जब संसद में भाषण दिया तो वह सोशल मीडिया पर उनके खूब गुणगान होने लगे थे। -
छोटे पर्दे पर होने वाली बहसों में धीर गंभीर हो कर अपनी बात रखने वाली सीतारमण सवालों का बेहद संतुलित जवाब देती हैं। उनका विवाह आंध्रप्रदेश के एक परिवार में हुआ। दिलचस्प बात यह है कि निर्मला के ससुराल वालों का जुड़ाव कांग्रेस के साथ रहा जबकि खुद निर्मला भाजपा से जुड़ीं।
