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चैत्र नवरात्रि रविवार 30 मार्च 2025 से शुरु हो रही है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार बेहद ही खास महत्व रखता है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
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इसके साथ ही इन नौ दिनों में रंगों का भी काफी खास महत्व होता है। आइए जानते हैं नौ देवियों को कौन-कौन सा रंग पसंद है और इनका क्या महत्व है।
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पहला दिन नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार देवी को पीला रंग अति प्रिय है। पीला रंग खुशी, सकारात्मकता और सीखने का प्रतीक है।
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दूसरा दिन नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। माता को हरा रंग पसंद है जो नई शुरुआत, विकास और उर्वरता का प्रतीक बताया गया है।
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तीसरा दिन नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भूरे रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। यह रंग संतुलन, स्थिरता और आंतरिक शांति की इच्छा को दर्शाता है।
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चौथा दिन नवरात्रि का चौथा दिन देवी कुष्मांडा को समर्पित है। हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार माता को नारंगी रंग अति प्रिय है। ये रंग उत्साह और रचनात्मकता का प्रतीक है।
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पांचवा दिन ये दिन देवी स्कंदमाता को समर्पित है और उन्हें सफेद रंग पसंद है जो पवित्रता, शांति और स्थिरता का प्रतीक है।
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छठवां दिन नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है और इस दिन लोग लाल रंग की पोशाक पहनते हैं। लाल रंग शक्ति, ताकत और जुनून का प्रतीक है।
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सातवां दिन नवरात्रि के सातवें दिन नीला रंग पहनने की मान्यता है। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि उन्हें नीला रंग पसंद है जो राजसी और शांति का प्रतीक है।
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आठवां दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी महागौरी को गुलाबी रंग अति प्रिय है। नवरात्रि के आठवें दिन इस रंग के वस्त्र धारण करने की मान्यता है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और सद्भाव का प्रतीक है।
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नौवां दिन नवरात्रि का अंतिम यानी नौवें दिन माता सिद्धिदात्री को समर्पित है। मान्यता है कि देवी को बैंगनी रंग अति प्रिय है जो आध्यात्मिकता, महत्वाकांक्षा और समृद्धि का प्रतीक है।
