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Mayawati, BSP: मायावती देश की बड़ी नेता हैं। वह चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। यूपी में वह लगभग हर बड़े दल के साथ गठबंधन कर चुकी हैं, फिर चाहे वह बीजेपी (BJP) हो, कांग्रेस (Congress) या फिर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की समाजवादी पार्टी (SP)। मायावती के नाम यूपी में सबसे ज्यादा बार सीएम बनने का रिकॉर्ड है। आइए जानें वह कब और किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुईं।
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मायावती सबसे पहले साल 1995 में यूपी की मुख्यमंत्री बनी थीं। तब वह बीजेपी के समर्थन से सत्ता पाई थीं। हालांकि चुनाव से पहले वह समाजवादी पार्टी के साथ थीं। मंदिर आंदोलन के खिलाफ दोनों दलों ने हाथ मिलाया था। उन दिनों इनका नारा था- मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गये जय श्री राम। (यह भी पढ़ें – मुख्यमंत्री बनने वाले इन 8 नेताओं ने कभी नहीं की शादी, हमेशा रहे अविवाहित)
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हालांकि राजनीतिक माहौल बदला तो बसपा का साथी भी बदल गया। भाजपा ने उन्हें बाहर से समर्थन देकर सरकार बनवाई थी। सरकार ज्यादा दिन चल नहीं चल पाई और 1996 में चुनाव हो गये। पहले कार्यकाल में मायावती मात्र 137 दिनों तक ही मुख्यमंत्री रह पाई थीं। गौरतलब है कि 1995 में ही बहुचर्चित लखनऊ गेस्ट हाउस कांड भी हुआ था। (यह भी पढ़ें: जब गेस्ट हाउस कांड के बाद प्लेन में टकरा गए थे मायावती और मुलायम, सुरक्षाकर्मियों के फूल गए थे हाथ-पांव )
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दूसरी बार मायावती 21 मार्च1997 से 21 सितंबर 1997 तक मुख्यमंत्री रहीं। इस बार भी वह बीजेपी के साथ सत्ता में आईं। हालांकि 1997 का चुनाव वह कांग्रेस से मिलकर लड़ी थीं। उन दिनों यूपी में 425 विधानसभा सीटें थीं। बसपा 300 और कांग्रेस 125 पर लड़ी थी। चुनाव नतीजे आए तो मायावती बीजेपी के साथ हो गईं। (यह भी पढ़ें- मायावती के बेहद खास सिपहसालार थे ये 7 BSP नेता, अब कोई नहीं है साथ)
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1997 के उस चुनाव में बीजेपी के साथ छह-छह महीने सीएम रहने के फार्मूले पर सरकार बनी। मायावती ने अपना 6 महीने का कार्यकाल पूरा किया और फिर जब बीजेपी के कोटे से कल्याण सिंह सीएम बने तो बसपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। हालांकि कल्याण सिंह ने दूसरे दलों के साथ मिलकर अगले दो साल सरकार चलाई। (यह भी पढ़ें: मायावती से भी अमीर हैं BSP के ये विधायक, जानिए कौन हैं सबसे ज्यादा संपत्ति वाले यूपी के 7 MLA)
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मायावती तीसरी बार भी बीजेपी के समर्थन से ही सीएम की कुर्सी पर काबिज हुईं। बसपा चीफ का तीसरा कार्यकाल 30 मई 2002 से 29 अगस्त 2003 तक चला। हालांकि इस बार भी बीजेपी के साथ उनकी अच्छी नहीं निभी। मनमुटाव हुआ तो मायावती ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने। (यह भी पढ़ें: ‘मायावती को छूकर हाथ गंदे नहीं करना चाहता’, जब बसपा चीफ के लिए ऐसा कुछ बोल गए थे राजा भैया )
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साल 2007 में बसपा अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब हो पाई। तब मायावती ने पूर्ण बहुमत की सरकार चलाई। मायावती के लिए ये पहला मौका था जब वह 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाई थीं। से ठीक पहले चौधरी ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। हालांकि अब वह सपा में हैं। (यह भी पढ़ें: जब अपने छोटे भाई को कंधे पर लेकर 6 किलोमीटर पैदल भागी थीं मायावती, खतरे में थी जान)
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2012 में सत्ता से निकलने के बाद बसपा का प्रदर्शन लगातार खराब ही होता गया। (यह भी पढ़ें: मायावती के लिए अपनी इकलौती बेटी को दफनाने तक नहीं गए थे ये मुस्लिम विधायक)
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Photos: PTI, Indian Express and Social Media