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Mayawati BSP: मायावती देश की राजनीति का बहुत बड़ा नाम हैं। वह 4 बार यूपी की सीएम बन चुकी हैं। लोकसभा और राज्यसभा की सदस्य भी रहीं। बेहद मामूली से परिवार में जन्म लेने वालीं मायावती ने अपने राजनीतिक करियर में जिन ऊंचाइयों को छुआ वो हर किसी को नसीब नहीं होती। आज मायावती जेड प्लस सिक्योरिटी में घूमती हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें अपने भाई की जान बचाने के लिए 6 किलोमीटर पैदल भागना पड़ा था, वो भी भाई को कंधे पर लादकर:
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मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता, प्रभु दास, गौतम बुद्ध नगर में एक डाकघर कर्मचारी थे। मायावती के 6 भाई और 2 बहनें हैं।(यह भी पढ़ें: 25 साल से वो सीट नहीं जीत पाई थी BSP, बाहुबली धनंजय सिंह ने खत्म किया था मायावती का सूखा)
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मायावती ने 2009 में अजय बोस की किताब ‘बहनजी अ पॉलिटिकल बायोग्राफी ऑफ मायावती’ में अपने जीवन से जुड़ा वो किस्सा बताया था जब उन्हें अपने भाई की जान बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।
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बकौल मायावती- जब वह 11-12 साल की रही होंगी तब उनके चौथे भाई सुभाष का जन्म हुआ। लेकिन पैदा होने के कुछ दिन बाद ही सुभाष को भयंकर निमोनिया ने जकड़ लिया। (यह भी पढ़ें: मुलायम सिंह यादव से राजा भैया तक, जानिए इन 7 नेताओं से मायावती की राजनीतिक अदावत की कहानी)
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उसे तुरंत इलाज की जरूरत थी, लेकिन तब मायावती के पिता शहर से बाहर थे। मां भी बहुत बीमार थीं और भाई छोटे-छोटे थे। मायावती को अपने भाई के इलाज के लिए गांव से 6 किलोमीटर दूर सरकारी अस्पताल ले जाना था क्योंकि उनके पिता के सरकारी कर्मचारी होने के कारण इलाज मुफ्त में होता।
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मायावती को पता था कि अगर उनके भाई को जल्द से जल्द इलाज नहीं मिला तो उसकी जान भी जा सकती है। मायावती ने भाई को लेकर अस्पताल जाने का मन पक्का कर लिया। लेकिन घर में पैसे नहीं थे जिस कारण वो किसी गाड़ी से नहीं जा सकती थीँ।(यह भी पढ़ें: मायावती के लिए अपनी इकलौती बेटी को दफनाने तक नहीं गए थे ये मुस्लिम विधायक)
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मायावती ने गोद में भाई और एक पानी की बोतल ली और निकल पड़ीं अस्पताल की ओर। मायावती ने बताया है कि वो 6 किमी की यात्रा बहुत डरावनी थी।
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रास्ता सुनसान था जो जंगलों से होकर गुजरता था। रास्ते में जब भाई रोता तो वह पानी की बोतल से उसे दो घूंट पिला देतीं। कभी गोद में तो कभी पीठ पर भाई को दाएं-बाएं करते हुए आखिरकार मायावती अस्पताल पहुंच ही गईं।(यह भी पढ़ें: मायावती से भी अमीर हैं BSP के ये विधायक, जानिए कौन हैं सबसे ज्यादा संपत्ति वाले यूपी के 7 MLA)
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अस्पताल पहुंचकर मायावती ने भाई को जरूरी इंजेक्शन दिलवाए, दवाइयां लीं और फिर वापस पैदल ही घर की ओर उसी रास्ते से निकल पड़ीं। रात 9.30 के करीब वो घर पहुंची।
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बेटे की सेहत में सुधार देख मायावती मां खूब खुश हुईं। उन्होंने मायावती की सूझबूझ और हिम्मत के लिए उन्हें कसकर गले लगा लिया। (यह भी पढ़ें: मायावती ने BSP सांसद को ही जब अपने बंगले पर बुला करवा दिया था अरेस्ट, दोबारा कभी नहीं लड़ पाए चुनाव)
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Photos: PTI, Indian Express and Social Media
