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सनातन धर्म में नाग पंचमी का पर्व बेहद ही खास होता है। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं और खुशहाल जीवन की कामना करते हैं। (Photo: Indian Express) क्यों पहनते हैं रुद्राक्ष? धारण करने के नियम, कब उतार देना चाहिए
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सांप हमारी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। वेदों और पुराणों में इनका जिक्र किया गया है। यहां तक की हम भगवान शिव के गले, बाजू से लेकर कमर तक पर सांप लिपटा हुआ देखते हैं। (Photo: Indian Express)
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भारत की संस्कृति में नाग शुरुआत से ही पूजनीय हैं। यहां नाग देवता की कई मंदिर भी हैं जहां उनकी पूजा-आराधना की जाती है। (Photo: Indian Express)
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भारत में सबसे बड़े नाग देवता की मंदिर की बात करें तो ये इतना बड़ा है कि इसमें एक लाख से भी अधिक नागों की मूर्तियां हैं। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta)
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दरअसल, ये कोई और नहीं बल्कि मन्नारशाला नागराज मंदिर है जो केरल में स्थित है। इसे सबसे बड़ा नाग देवता का मंदिर माना जाता है। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta)
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केरल के हरिपद के जंगलों में स्थित मन्नारशाला मंदिर का इतिहास भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम से जुड़ा है जिन्हें केरल का निर्माता माना जाता है। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta)
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ऐसी कहानियां प्रचलित हैं कि केरल की भूमि को भगवान परशुराम ने ब्राह्मणों को दान कर दिया था। लेकिन यहां कई जहरीले सांप थे जिसके चलते लोगों का रहना मुश्किल था। ऐसे में उन्होंने महादेव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta)
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इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें सांपों के राजा नागराज की पूजा करने की सलाह दी ताकि सांपों का जहर मिट्टी में फैल जाए और वो उपजाऊ हो जाए। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta)
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इसके बाद परशुराम ने मन्नारसला में नागराज की मूर्ति स्थापित कर अनुष्ठान के लिए एक ब्राह्मण परिवार को नियुक्त किया और तब से लेकर आज तक उसी परिवार के लोग मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। उन्हें इल्लम के नाम से जाना जाता है। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta)
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चमत्कारी है मंदिर
यह मंदिर बेहद ही चमत्कारी भी बताया जाता है खासकर उनके लिए जिनका कोई संतान न हो। यहां काफी दंपति आते हैं और संतान की मनोकामना मानते हैं। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta) -
मान्यता है कि दंपति यहां आकर पूजा करते हैं और संतान की मन्नत मांगते हैं। जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वापस मंदिर आकर नई सर्प की मूर्तियां चढ़ाते हैं। (Photo: @Mannarasala Sree Nagaraja Temple/Insta) नाग पंचमी के दिन किन चीजों को चढ़ाने से मिलता है कालसर्प दोष से मुक्ति