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अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी 2024 को तय की गई है। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई खास मेहमान शामिल होंगे। इन सबके बीच मंदिर के मुख्य पुजारी की खूब चर्चा हो रही है। 83 साल के आचार्य सत्येंद्र दास राम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं।
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सत्येंद्र दास पिछले 31 साल से राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी रहे हैं। 1992 में बाबरी विध्वंस से करीब नौ महीने पहले से पुजारी के तौर पर वह रामलला की पूजा करते रहे हैं।
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मार्च 1992 को विवादित स्थल के रिसीवर ने उन्हें पुजारी के तौर पर यहां नियुक्त किया था। आचार्य ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि इससे पहले वह संस्कृत स्कूल में शिक्षण कार्य करते थे।
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बता दें, आचार्य सत्येंद्र दास 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री भी हासिल की थी। इसके बाद 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी मिल गई।
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वहीं, 1992 में जब उनकी नियुक्ति राम जन्मभूमि मंदिर में हुई तो उन्हें 100 रुपये प्रति माह वेतन मिलता था, जो साल 2018 तक बढ़कर 12 हजार रुपये प्रति माह हो गया। साल 2019 में अयोध्या के रिसीवर और कमिश्नर के निर्देश के बाद यह वेतन बढ़ाकर 13 हजार रुपये कर दिया गया।
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सत्येंद्र दास ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि बचपन में वह अपने पिता के साथ अयोध्या आया करते थे और अभिराम दास जी से मिला करते थे। ये अभिराम दास वही थे, जो 1949 में विवादित स्थल पर रामलला की प्रतिमा स्थापित करने वाले बैरागियों में शामिल थे।
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अभिराम दास से प्रेरित होकर सत्येन्द्र दास साधु बनना चाहते थे और पढ़ाई के प्रति भी उत्सुक थे। उनके पिता ने उनकी इच्छा का सम्मान किया, जिसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और 1958 में अयोध्या चले गये।
(Photos Source: Indian Express)
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