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एक्ट्रेस कंगना रनौत ने पिछले दिनों कहा था कि घरवाले उन्हें अनचाही बच्ची मानते थे। इस मामले में अब उनके पिता अमरदीप रनौत का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि कंगना का जन्म अंतिम संस्कार की तरह था। कंगना के पिता ने कहा,'जब उसका जन्म हुआ था उस समय हमारे गांव में लड़कियों को लेकर माहौल सही नहीं था। गांव वाले घर आते और कहते एक औ बेटी। इसलिए हमने ना खुशियां मनाई और ना ही मिठाई बांटी। हम उम्मीद कर रहे थे कि बेटा खोया है तो बेटा होगा।
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कंगना की बहन रंगोली ने इस बारे में कहा, 'जब कंगना का जन्म हुआ तब घर में खुशी नहीं थी। मुझे याद है जब वह पैदा हुई थी।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 28 साल की अभिनेत्री ने आह्वान किया कि केवल अपने जिंदगी में शामिल पुरूषों की खुशी की परवाह करने वाली महिलाओं को ‘निस्वार्थ’ भारतीय महिलाओं के तौर पर पेश करना बंद होना चाहिए क्योंकि यह प्रतिगामी कदम है। (Instagram)
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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब मेरा जन्म हुआ तो मेरे माता पिता खासकर मेरी मां इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही थीं कि घर में एक और लड़की पैदी हुई। (Instagram)
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मुझे ये कहानियां विस्तार से पता हैं क्योंकि जब भी घर में कोई मेहमान आता था या लोग जुटते थे, मेरे सामने यह कहानी दोहरायी जाती थी कि मैं किस तरह एक अवांछित बच्ची थी।’’ (Instagram)
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कंगना ने फेमिना पत्रिका के नये कवर जारी करने मौके पर कहा, ‘‘बहनों, मांओं का निस्वार्थ भारतीय महिलाओं के तौर यशगान बंद होना चाहिए। (Instagram)
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उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी लड़कों के लड़कियों से ज्यादा महत्वपूर्ण होने की घिसीपीटी सोच को स्वीकार नहीं किया जिसने उनके बड़े होने के दौरान ‘असहजता’ पैदा की। (Instagram)
