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सनातन धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का काफी खास महत्व है। मान्यताओं के अनुसार रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता मंदिर पहुंचाया जाता है जहां भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं। इसके बाद भगवान जगन्नाथ की वापसी की यात्रा शुरू होती है। लेकिन इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। (ANI)
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ओडिशा के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पूरी दुनिया से भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी चमत्कारिक बातें: (PTI)
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विपरीत दिशा में लहराता है झंडा
जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। वैसे आमतौर पर दिन में हवा समुद्र से धरती की तरफ चलती हैं और शाम में धरती से समुद्र की ओर लेकिन यहां यह प्रक्रिया उल्टी है। इस रहस्य को आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। (PTI) -
चक्र का मुंह हर दिशा में समान
जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी लगा है जिसे लेकर कहा जाता है कि इसे किसी भी दिशा में खड़े होकर देखेंगे तो ऐसा लगेगा कि चक्र का मुंह आपकी तरफ है। (ANI) -
कभी नहीं बनती छाया
इसके साथ ही जगन्नाथ मंदिर के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य रहती है। उसे जमीन पर कभी किसी ने नहीं देखा। (ANI) -
मंदिर के अंदर नहीं सुनाई देती समुद्र की लहरें
जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा एक और रहस्य है कि मंदिर के अंदर समुद्र की लहरों की आवाज नहीं सुनाई देती हैं। लेकिन मंदिर से बाहर कदम रखते ही लहरों की आवाज स्पष्ट रूप से सुनाई देने लगती है। ये मंदिर समुद्र के पास स्थिति है। (ANI) -
शिखर पर नहीं बैठते पक्षी
ये भी रहस्य है कि जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से पक्षी न ही गुजरते हैं और न ही शिखर पर किसी पक्षी को बैठते देखा गया है। (ANI) -
रसोई का रहस्य
मंदिर की रसोई में भक्तों के लिए प्रसाद पकाने के लिए सात बर्तन एक दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं। रहस्यमयी बात यह है कि सबसे ऊपर रखे बर्तन में प्रसाद सबसे पहले पकता है और फिर नीचे की तरफ एक के बाद एक बर्तन में रखा प्रसाद पकता है। (PTI) -
मंदिर का पट बंद होते ही खत्म हो जाता है प्रसाद
एक यह भी रहस्य है कि चाहे कितने भी भक्त आ जाएं लेकिन प्रसाद कभी कम नहीं होता। लेकिन जैसे ही मंदिर का पट बंद होता है वैसे ही प्रसाद भी खत्म हो जाता है। (PTI)
