-

ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में ‘पहांडी’ अनुष्ठान पूरा होने के बाद रविवार को भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा अपने-अपने रथों पर सवार हुए और उनकी यात्रा शुरू हुई। (PTI Photo)
-
हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से इस रथ यात्रा का आयोजन होता है। मान्यताओं के अनुसार रथ यात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता मंदिर पहुंचाया जाता है, जहां भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं।(PTI Photo)
-
आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तिथि तक भगवान जगन्नाथ आम जनों के बीच में रहते हैं। यानी जगन्नाथ रथ यात्रा का यह भव्य आयोजन 10 दिनों तक होता है। हालांकि, 53 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब रथयात्रा की शुरुआती अवधि 2 दिन रहेगी। (PTI Photo)
-
दरअसल, इस साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की तिथियां घट गई हैं। इस कारण यात्रा दो दिन की है। इससे पहले 1971 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। इस बार यह यात्रा 7 जुलाई से शुरू हुई है। तिथि परिवर्तन के कारण इस बार यह रथयात्रा दूसरे दिन यानी 8 जुलाई को गुंडिचा मंदिर पहुंचेगी। (PTI Photo)
-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर घूमने की इच्छा जताई थी। उसके बाद भगवान जगन्नाथ और उनके बड़े भाई बलराम ने तीन भव्य रथ तैयार कराए और उन्हीं से तीनों नगर भ्रमण पर गए थे। (PTI Photo)
-
रास्ते में तीनों अपनी मौसी गुंडिचा के घर भी गए। अपनी यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर 7 दिन तक रुकते हैं। उसके बाद से ही यह यात्रा जारी है। बता दें, जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर लगभग 3 किलोमीटर दूर है। (PTI Photo)
-
वहीं, तिथि के अनुसार, 9 से 15 जुलाई तक भगवान जगन्नाथ यहीं रहेंगे। 16 जुलाई को रथ यात्रा का समापन हो जाएगा और तीनों देवी-देवता वापस जगन्नाथ मंदिर लौट आएंगे। लौटने की यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है। (PTI Photo)
-
हर साल इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं। इस साल भी यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। यात्रा में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी पहुंचे। (PTI Photo)
-
रथयात्रा शुरू होने से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने तीनों रथों की परिक्रमा की, देवताओं के सामने माथा टेका और सुख-शांति की कामना की। राष्ट्रपति के साथ ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी थे, जिन्होंने मुख्य जगन्नाथ रथ को जोड़ने वाली रस्सियों को खींचकर प्रतीकात्मक रूप से यात्रा की शुरुआत की। (PTI Photo)
(यह भी पढ़ें: Jagannath Rath Yatra: क्यों विपरित दिशा में लहराता है झंडा? जगन्नाथ मंदिर के ये 7 रहस्य नहीं जानते होंगे आप)