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धरती पर कुछ हिस्से ऐसे मौजूद है जहां कई महीनों तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती। इंसानों के लिए सूरज काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में जिन जगहों पर कई दिनों तक धूप नहीं पहुंचती तो लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक गांव है विगनेला जहां सूरज तो उगता है, मगर वहां तक धूप नहीं पहुंच पाती। (Photo Source: @ptrckthmpsn/instagram)
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विगनेला स्विट्जरलैंड और इटली के बीच स्थित एक गांव है। नवंबर से फरवरी के बीच जब सूरज की रोशनी धीमी हो जाती है तो यह गांव रोशनी से वंचित हो जाता है। दरअसल, यह गांव चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिसके कारण सूरज की रोशनी गांव के अंदर नहीं पहुंच पाती है। (Photo Source: @ptrckthmpsn/instagram)
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धूप न निकलना इस गांव के लिए एक बड़ी समस्या थी। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस गांव के लोगों ने एक अद्भुत जुगाड़ लगाया औरअपना खुद का एक आर्टीफिशियल सूरज बना लिया। (Photo Source: @ptrckthmpsn/instagram)
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गांव के एक आर्किटेक्ट और इंजीनियर ने इस समस्या को हल करने का एक तरीका खोजा जिससे गांव को सूरज की रोशनी मिले। उन्होंने गांव के मेयर की मदद से साल 2006 में 1 लाख यूरो (भारतीय मुद्रा में 89 लाख रुपये) जुटाए। (Photo Source: visitossola.it)
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इस पैसे की मदद से उन्होंने 40 वर्ग किलोमीटर शीशा खरीदकर उसे पहाड़ की चोटी पर लगवा दिया। 1.1 टन का यह शीशा पहाड़ पर 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया था ताकि सूरज की रोशनी सीधे इस पर पड़े और गांव की ओर रिफ्लेक्ट हो जाए। (Photo Source: @ptrckthmpsn/instagram)
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हालांकि यह शीशा इतना बड़ा नहीं था कि पूरे गांव को रोशन कर सके, जिसकी वजह से उसका एंगल इस तरह सेट किया गया कि यह गांव के चर्च के सामने के चौराहे को रोशन कर सके। (Photo Source: @ptrckthmpsn/instagram)
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यह शीशा एक कंप्यूटर से ऑपरेट होता है, जो दिन भर सूरत की चाल को फॉलो करता है और उसकी दिशा में घूमता रहता है। यह शीशा दिन में 6 घंटे तक सूरज की रोशनी रिफ्लेक्ट करता है, जिससे गांव का एक हिस्सा रोशन रहता है। (Photo Source: visitossola.it)
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