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आतंकी संगठन आईएसआईएस पश्चिमी देशों पर हमलों के मंसूबे को अंजाम देने के लिए अब साइंटिफिक रिसर्च का सहारा भी ले रहा है। वो दूर से टार्गेट को निशाने बनाने के लिए न केवल ड्राइवर फ्री कार, बल्कि मिसाइलें भी डेवलप कर रहा है। इस काम के लिए उसने साइंटिस्ट्स और बैलिस्टिक एक्सपर्ट्स की एक टीम तैनात की है। आईएसआईएस का गढ़ माने जाने वाले सीरियाई शहर रक्का में आतंकियों की लैब में रिमोट कंट्रोल से चलने वाली गाडियों पर काम किया जा रहा है। मकसद दूर से ही बम धमाके करने का है। आतंकी संगठन के रिसर्च एंड डेवपलमेंट यूनिट ने अपनी वर्कशॉप में हो रहे काम की आठ घंटे से ज्यादा लंबी वीडियो फुटेज स्काई न्यूज को सौंपा है।
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पश्चिमी एजेंसियां यह जानकार चौंक गई हैं कि आईएसआईएस खराब हो चुके मिसाइलों को मॉडिफाई करके उन्हें दोबारा इस्तेमाल करने लायक बना रहा है। आतंकी इसके सहारे पैसेंजर या मिलिट्री प्लेन को मार गिराना चाहते हैं।
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ब्रिटिश सेना के स्पेशल फोर्सेज में अपनी सेवाएं दे चुके मेजर क्रिस हंटर ने इस वीडियो पर हैरानी जताई है। उनका कहना है कि वीडियो देखकर साफ पता चलता है कि इसका इस्तेमाल जानकारी दूसरे आतंकियों तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
वीडियो की मानें तो आईएसआईएस की रिसर्च टीम ने पूरी तरह से काम करने वाली ऐसी ड्राइवर फ्री कार तैयार कर ली है, जिसमें विस्फोटक लादकर उन्हें टार्गेट से टकराया जा सकता है। इस तरह के हमलों में बड़े नुकसान की गुंजाइश होती है। -
वीडियो में दिखता है कि आईएस के साइंटिस्ट ड्राइवर फ्री कारों की ड्राइविंग सीट पर पुतले लगाकर टेस्ट कर रहे हैं। इन पुतलों में थर्मोस्टैट के जरिए ऐसे हीट सिग्नेचर पैदा किए जाएंगे, जिसके जरिए अहम इमारतों के बाहर लगी स्कैनिंग मशीनों को धोखा दिया जा सकता है।
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फुटेज में यह भी साफ दिखता है कि आईएसआईएस के साइंटिस्ट जमीन से हवा में मार करने वाली थर्मल बैटरी बना रहे हैं।
कई दशकों से आतंकी संगठनों के पास मिसाइल थे, लेकिन उनके पास इन मिसाइलों की थर्मल बैटरी की मरम्मत की सहूलियत न होने की वजह से पश्चिमी मुल्क चैन की सांस ले रहे थे।