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Gupteshwar Pandey: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे 27 सितंबर को जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए। इससे पहले वह सुशांत सिंह राजपूत के निधन मामले में लगातार सुर्खियों में रहे। उन्होंने कुछ दिन पहले ही वीआरएस लिया था। इससे पहले सोशल मीडिया में उनके राजनीति में उतरने की बातें हो रही थीं। बता दें कि गुप्तेश्वर पांडे कभी आईपीएस नहीं बनना चाहते थे। आइए जानते हैं फिर ऐसा क्या हुआ कि वह इस लाइन में आ गए:
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1987 बैच के आईपीएस अफसर गुप्तेश्वर पांडे का जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ है। आईपीएस बनने से पहले उनका चयन आईआरएस के लिए भी हुआ था।
मीडिया इंटरव्यूज में गुप्तेश्वर पांडे बता चुके हैं कि आईपीएस बनना उनका सपना नहीं था। लेकिन एक घटना ने उनके अंदर ये बात बिठा दी कि अब बनना है तो आईपीएस ही बनना है। उससे कम कुछ नहीं। दरअसल गुप्तेश्वर पांडे ने अपने मीडिया इंटरव्यू में बताया था कि जब वह 10 साल के थे तब उनके घर में चोरी हो गई थी। तफ्तीश पर आए पुलिसवालों ने उनके माता-पिता के साथ अभद्रता की थी। ना सिर्फ बद्तमीजी की गई बल्कि चोरी की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं हुई। -
बकौल गुप्तेश्वर पांडे, उस एक घटना ने मेरे अंदर ये सवाल पैदा कर दिया कि पुलिसवाले इतने खराब होते हैं क्या? इसी पुलिस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने ठान लिआ कि अब बनूंगा तो आईपीएस अफसर ही।
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आखिरकार कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते गुप्तेश्वर पांडे एक दिन आईपीएश बन ही गए। वह ना सिर्फ आईपीएस बने बल्कि बिहार जैसे बड़े राज्ये के डीजीपी पद पर भी रहे।
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तस्वीर में अपने परिवार के साथ गुप्तेश्वर पांडे।
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गाय का दूध निकालते हुए यह तस्वीर गुप्तेश्वर पांडे ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की है।
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सबूत की तलाश में एक बार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने नदी में छलांग लगा दी थी। (All Photos: Gupteshwar Pandey facebook)
