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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है ताकि समाज में महिलाओं के योगदान को सम्मान दिया जा सके। इस मौके पर, आइए उन महान भारतीय महिलाओं को याद करें जिन्होंने अपने साहस, संकल्प और मेहनत से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है।
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अहिल्याबाई होल्कर
अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को मराठा साम्राज्य के ग्राम चूंडी में हुआ था। वे भारतीय इतिहास की सबसे प्रतिष्ठित महिला शासकों में से एक थीं। पति और ससुर की मृत्यु के बाद उन्होंने मालवा राज्य की बागडोर संभाली और न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि सैन्य मोर्चे पर भी अपनी कुशलता दिखाई। उनके शासन में मालवा क्षेत्र समृद्धि और स्थिरता का प्रतीक बना रहा। -
आनंदीबाई जोशी
31 मार्च 1865 को जन्मी आनंदीबाई जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टरों में से एक थीं। उन्होंने अमेरिका जाकर मेडिकल की पढ़ाई की और वहां से डिग्री प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उनकी उपलब्धि ने कई अन्य महिलाओं को शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। -
अन्ना चांडी
अन्ना चांडी भारत की पहली महिला न्यायाधीश थीं। वे 1937 में जिला न्यायाधीश बनीं और 1959 में केरल हाईकोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्त की गईं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। -
अरुणा आसफ अली
अरुणा आसफ अली का जन्म 16 जुलाई 1909 को हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थीं। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने बॉम्बे के गोवालिया टैंक मैदान में भारतीय ध्वज फहराकर आंदोलन को नई ऊर्जा दी। आज़ादी के बाद वे दिल्ली की पहली मेयर बनीं और 1997 में मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। -
इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। वे भारत की पहली और अब तक की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली महिला प्रधानमंत्री रहीं। उनके कार्यकाल में 1971 का बांग्लादेश युद्ध और हरित क्रांति जैसे ऐतिहासिक बदलाव आए। 1984 में उनकी हत्या कर दी गई, लेकिन वे हमेशा भारत की सबसे प्रभावशाली महिला नेताओं में गिनी जाती हैं। -
कल्पना चावला
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा में हुआ था। वे अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। 1997 में वे पहली बार स्पेस मिशन पर गईं। 2003 में जब वे दोबारा स्पेस मिशन पर थीं, तब कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उनका निधन हो गया। वे आज भी विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। -
लक्ष्मी सहगल
लक्ष्मी सहगल का जन्म 24 अक्टूबर 1914 को हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की एक महत्वपूर्ण सदस्य थीं और सुभाष चंद्र बोस की ‘झांसी की रानी रेजिमेंट’ की कमांडर भी थीं। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम हिस्सा बनीं। -
लता मंगेशकर
लता मंगेशकर को ‘स्वर कोकिला’ कहा जाता था। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को हुआ था। उन्होंने 70 से अधिक वर्षों तक हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में हजारों गीत गाए। 2001 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनकी आवाज़ ने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। -
रानी लक्ष्मीबाई
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को हुआ था। वे 1857 की क्रांति की सबसे प्रमुख नेताओं में से एक थीं। जब ब्रिटिश सेना ने झांसी पर हमला किया, तो उन्होंने अद्भुत वीरता दिखाई और अंत तक लड़ती रहीं। उनका फेमस कोट “मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी” आज भी हर भारतीय को प्रेरित करता है। -
सरोजिनी नायडू
13 फरवरी 1879 को जन्मी सरोजिनी नायडू एक स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और समाजसेवी थीं। उन्हें “भारत कोकिला” कहा जाता था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं और आज़ादी के बाद उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं। उनकी कविताएँ ‘गोल्डन थ्रेशहोल्ड’, ‘द बर्ड ऑफ टाइम’ और ‘द स्केप्टर्ड फ्लूट’ आज भी प्रसिद्ध हैं। -
सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के नायगांव में हुआ था। वे भारत की पहली महिला शिक्षिका और महिला अधिकारों की समर्थक थीं। अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर उन्होंने 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला। वे जाति और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ भी संघर्षरत रहीं। -
सुचेता कृपलानी
सुचेता कृपलानी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम चेहरा थीं। वे 1963 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, जिससे वे भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में प्रसिद्ध हुईं। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।