-  
  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लक्षद्वीप को लेकर मालदीव संग विवाद चर्चा में है। दरअसल, पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के कुछ दिनों बाद पड़ोसी देश मालदीव के कुछ मंत्रियों ने उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, भारत पर मालदीव को निशाना बनाने का आरोप लगाया और कहा कि भारत श्रीलंका जैसे छोटे देश की तरह पैसे कमाने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं हिंद महासागर में स्थित मालदीव पर कभी हिंदू राजा शासन करते थे। (Photo: Pexels)
 -  
  मालदीव के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि यह देश कभी हिंदुओं और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों का देश था। मालदीव का इतिहास 2500 साल से भी अधिक पुराना है। (Photo: Pexels)
 -  
  इस देश के शुरुआती निवासी शायद गुजराती थे जो लगभग 500 ईसा पूर्व भारत के कालीबंगा से श्रीलंका और फिर मालदीव पहुंचे थें। मालदीव के पहले निवासी धेविस नाम से जाने जाते थे। (Photo: Pexels)
 -  
  इतिहास की माने तो मालदीव में हिंदू राजाओं का शासन रहा है। तमिल चोल राजाओं ने भी कुछ समय तक मालदीव पर शासन किया था। इसका प्रमाण यहां नाव निर्माण के तरीकों और चांदी के छिद्रित सिक्कों से लगाया जा सकता है। (Photo: Pexels)
 -  
  लेकिन 12वीं सदी में इस देश में एक बड़ा बदलाव शुरू हुआ। अरब व्यापारियों के आगमन के बाद से यह देश धीरे-धीरे एक मुस्लिम राष्ट्र में बदल गया। इन अरब व्यापारियों के प्रभाव में आकर यहां के राजा और जनता ने इस्लाम धर्म स्वीकारना शुरु कर दिया। (Photo: Pexels)
 -  
  जानकारी के मुताबिक, 20वीं सदी तक मालदीव पर 6 इस्लामिक राजवंशों की पीढ़ियों ने राज किया था। वहीं, अंग्रेजों ने भी इस देश पर शासन किया। जब मालदीव को 1965 में आजादी मिली तब भारत ही इसे मान्यता देने वाला पहला देश था। (Photo: Pexels)
 -  
  हालांकि, तब तक यह देश मुस्लिम देश में बदल चुका था। अब यहां का आधिकारिक धर्म इस्लाम है। यहां की आबादी में 98 फीसदी मुस्लिम है। मालदीव के संविधान में इस बात का भी जिक्र है कि गैर मुस्लिम को यहां नागरिकता नहीं दी जा सकती। यहां के सरकारी नियम भी इस्लामिक कानून पर आधारित हैं। (Photo: REUTERS)
(यह भी पढ़ें: उदयपुर में आज आमिर खान की बेटी आइरा की शादी, वर्कआउट के साथ शुरू हुआ कार्यक्रम)