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अगले महीने वित्तीय वर्ष 2015-16 समाप्त हो रहा है। आप भी अगर टैक्स बचाने और निवेश को लेकर परेशान हैं तो चिंता मत कीजिए। हम आपको बता रहे हैं ऐसी योजनाएं जो निवेश के जरिए टैक्स बचाने वाली हैं। योजनाएं आपके लिए आने वाले साल में भी काम आएंगी।
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महाराष्ट्र में किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से हजारों करोड़ रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
National Saving Certificates:- इस योजना में भी ब्याज दर सरकार तय करती है। सेविंग सर्टिफिकेट किसी भी पोस्ट ऑफिस से 5 सा 10 साल के लिए खरीदे जा सकते हैं। इसमें निवेश की न्यूनतम राशि 500 रुपये हैं। 5 साल के निवेश पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत व 10 साल के निवेश 8.75 प्रतिशत है। इस योजना में ब्याज पर टैक्स लगता है लेकिन ब्याज को फिर से इसी योजना में लगाकर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्ट किया जा सकता है। सर्टिफिकेट की अवधि पूरी होने से पहले पैसा निकालने पर पेनल्टी का प्रावधान है। इस योजना पर लोन भी लिया जा सकता है। Tax Saving Fixed Deposit:- टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश के लिए काफी लोकप्रिय है। ये सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ही हैं, लेकिन इनमें पांच साल से पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता। इनके लिए किसी भी बैंक में खाता खुलाया जा सकता है। समय से पहले पैसे निकालने का ऑप्शन नहीं मिलता लेकिन लोन लेने की सुविधा मिलती है। इन डिपॉजिट्स पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देय होता है। National Pension Scheme:- इस योजना को पेंशन फंड रेगुलेटरी डवलपमेंट ऑथोरिटी मैनेज करती है। इसके जरिए रिटायरमेंट के बाद आय मिलने की सुविधा होती है। इस योजना में सरकारी, प्राइवेट, संगठित और असंगठित क्षेत्रों के लोग निवेश कर सकते हैं। इस योजना में लगाया गया पैसा मार्केट में निवेश किया जाता है। रिटायरमेंट के वक्त निवेशक को एकमुश्त राशि मिलती है। इस योजना में किए गए निवेश पर टैक्स नहीं लगता लेकिन सालाना राशि पर टैक्स लगता है। -
प्रतीकात्मक फोटो।
Home Loan:- प्रोपर्टी खरीदने में दो आधार पर टैक्स बचाया जा सकता है। पहला- मूल धन और दूसरा- ब्याज राशि पर। सेक्शन 80सी के तहत मूलधन के भुगतान पर छूट मिलती है जबकि सेक्शन 24 से ब्याज पर राहत मिलती है। पहली बार खरीदने वाले लोग अतिरिक्त एक लाख रुपये के डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। Equity Linked Saving Scheme:- यह स्कीम एक तरह से म्युचुअल फंड ही है और इन्हें खासतौर पर टैक्स बचाने के लिए ही तैयार किया गया है। इन योजनाओं में निवेश करने पर तीन साल तक धन राशि निकाली नहीं जा सकती। लंबे समय के निवेश में इन योजनाओं के जरिए अच्छा पैसा मिलता है। Unit Linked Insurance Plan:- इन योजनाओं के तहत निवेश और बीमा दोनों फायदे मिलते हैं। इनका प्रीमियम दो हिस्सों में बंटता है। एक हिस्सा लाइफ कवर में जाता है और दूसरा निवेशक की पसंद के मार्केट से जुड़े फंड में। टैक्स को ध्यान में रखते हुए यूनिट लिंक्ड प्लान्स को लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत माना जाता है। निवेश के समय सेक्शन 80सी के तहत टैक्स कटौती होती है। मेच्योरिटी के समय सेक्शन 10(10डडी) के तहत टैक्स नहीं लगता है।
