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हमारे देश में होली का त्योहार फाल्गुन यानी मार्च/अप्रैल के माह में आता है, लेकिन दुनिया के कई हिस्से ऐसे भी हैं जहां पर जून में होली सेलिब्रेट की जा रही है। बाहरी दुनिया के लोग भारत के होली ठीक उसी तरह से मना रहे हैं जैसे कि हम लोग यहां मार्च में सेलिब्रेट करते हैं। यहां हम आपको जर्मनी स्थित श्री पीठ निलाय आश्रम में खेली गई होली की तस्वीरों के जरिए दर्शा रहे हैं। (सभी फोटो- अशोक कुमार)
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जर्मनी स्थित इस आश्रम में स्विटजरलैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इटली, नीदरलैंड, मॉरिशस, सूरीनाम और भारत से भी लोग होली खेलने आए थे।
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होली का यह कार्यक्रम आश्रम में आयोजित लव फेस्टिवल का हिस्सा है। इस दौरान आश्रम में कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जिनका उद्देश्य लोगों के बीच प्यार फैलाना है।
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Just Love Festival में आए तमाम देशों के यह लोग स्वामी विश्वनंदा के अनुयायी हैं, जिन्होंने 2005 में भक्ति मार्ग मिशन की स्थापना की थी।
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आश्रम में होली के रंगों से सराबोर लोगों के चेहरे भले ही पहचान में नही आए कि कौन किस देश का है। इस फेस्टिवल का उद्देश रंगों के जरिए भेदों को मिटा भाईचारे की स्थापना करना है।
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जून में खेली गई होली में ज्यादातर भारतीय पारंपरिक लिबास में दिखाई दिए जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं।
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होली के इस त्यौहार बड़े. बूढ़े और बच्चे भी शामिल हुए। यहां खेली गई होली लिक्विड नहीं बल्कि सूखे रंगों से सराबोर दिखी ताकि किसी की त्वचा को नुकसान न हो।
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यह इको फ्रेंडली होली थी। जहां पर धूम्रपान और शराब पूरी तरह से वर्जित थी। जहां पर सिर्फ रंग, प्यार और हर्षोल्लास ही नजर आया।
